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गढमीरपुर में फिर हाथी का आतंक, आम के बगीचे की झोपड़ी में मचाई तोड़फोड़, किसान सहमे, खेतों से दूर हुए ग्रामीण, खेती-बाड़ी पर पड़ा असर

इन्तजार रजा हरिद्वार- गढमीरपुर में फिर हाथी का आतंक,
आम के बगीचे की झोपड़ी में मचाई तोड़फोड़, किसान सहमे,
खेतों से दूर हुए ग्रामीण, खेती-बाड़ी पर पड़ा असर

गढमीरपुर, हरिद्वार: हरिद्वार जनपद के गढमीरपुर गांव में जंगली हाथी की दस्तक से ग्रामीणों में जबरदस्त दहशत फैल गई है। बीती रात एक हाथी ने गांव के समीप स्थित आम के बगीचे में बनी एक झोपड़ी को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। इस घटना के बाद किसानों की खेतों में आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है और गांव में भय का माहौल बना हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव के बाहरी इलाके में स्थित आम के एक बड़े बाग में एक जंगली हाथी घुस आया। हाथी ने सबसे पहले बगीचे की रखवाली के लिए बनाई गई झोपड़ी को तोड़ डाला और वहां रखे सामान को बिखेर दिया। सौभाग्यवश, उस समय झोपड़ी में कोई मौजूद नहीं था, वरना कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी। हाथी की चिंघाड़ और भारी हलचल की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक हाथी जंगल की ओर लौट चुका था।

स्थानीय किसान राव मुजीब खां ने बताया, “यह पहला मौका नहीं है जब गांव में हाथी आया हो। पिछले कुछ महीनों से हाथियों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। अब तो खेतों में जाना खतरे से खाली नहीं है। हम दिन में भी खेतों की तरफ नहीं जा रहे।”

ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को कई बार इस समस्या की जानकारी दी गई है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। किसान हाजी फुरकान ने बताया, “हमारे लिए खेती ही आजीविका का एकमात्र साधन है। लेकिन अब जान का खतरा बढ़ता जा रहा है। न तो फसलों की देखरेख कर पा रहे हैं और न ही सिंचाई। हाथी के डर से मजदूर भी खेतों में काम करने नहीं आ रहे।”

हाथी की मौजूदगी ने न सिर्फ फसलों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि गांव के बच्चों और महिलाओं की दिनचर्या पर भी असर डाला है। स्कूल जाने वाले बच्चे भी डरे हुए हैं, और शाम ढलते ही गांव में सन्नाटा पसर जाता है।

गढमीरपुर में जंगली हाथियों की बढ़ती गतिविधियों ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। अगर वन विभाग समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाता, तो आने वाले समय में यह समस्या और गंभीर रूप ले सकती है। किसानों की मांग है कि वन विभाग इलाके में स्थायी निगरानी की व्यवस्था करे और हाथियों को जंगल तक सीमित रखने के उपाय करे।

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