तालाब से निकला मौत की साया, लक्सर डूंगरपुर में मगरमच्छ का हमला, ग्रामीण का हाथ चबा डाला, ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग तेज

इन्तजार रजा हरिद्वार- तालाब से निकला मौत की साया, लक्सर डूंगरपुर में मगरमच्छ का हमला, ग्रामीण का हाथ चबा डाला,
ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग तेज
डूंगरपुर/लक्सर, 14 जून 2025 – रिपोर्ट: Daily Live Uttarakhand
उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के डूंगरपुर गांव में शनिवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे गांव को दहशत में डाल दिया। गांव के ही एक तालाब से निकले मगरमच्छ ने ग्रामीण सुरेश पर अचानक हमला कर दिया और उसका हाथ चबा डाला। खून से लथपथ सुरेश को ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। इस हादसे ने न केवल सुरेश के परिवार बल्कि पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।
तालाब के पास से निकली मौत – सुरेश की चीखों से गूंजा गांव
डूंगरपुर निवासी सुरेश शनिवार सुबह रोज की तरह अपने काम से तालाब के किनारे गया था। शांत पानी में कुछ हलचल हुई और अचानक मगरमच्छ ने तालाब से बाहर छलांग लगाकर सुरेश पर हमला कर दिया। सुरेश को कुछ समझ आता उससे पहले ही मगरमच्छ ने उसका हाथ जबड़े में दबोच लिया। उसने उसे खींचने की कोशिश की लेकिन साहसी सुरेश ने जान की बाजी लगाकर किसी तरह खुद को छुड़ाया।
इस संघर्ष में सुरेश का हाथ बुरी तरह से जख्मी हो गया। मौके पर मौजूद ग्रामीणों के अनुसार, उसका हाथ पूरी तरह लहूलुहान था, खाल उधड़ चुकी थी और नसें तक कट चुकी थीं। उसकी चीखों से पूरा गांव गूंज उठा। ग्रामीण ईश्वर चंद और जोगिंद्र ने सबसे पहले सुरेश की मदद की और 108 एम्बुलेंस को कॉल किया। तत्परता दिखाते हुए सुरेश को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
वन विभाग हरकत में आया, मगरमच्छ पकड़ने भेजी टीम
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग सक्रिय हो गया। रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि विभाग की एक विशेष टीम को तुरंत गांव भेजा गया है। मगरमच्छ को पकड़ने के लिए पिंजरा और विशेष उपकरण मौके पर पहुंचाए गए हैं। अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि मगरमच्छ को सुरक्षित तरीके से पकड़कर दूरस्थ वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।
वन विभाग ने यह भी माना कि तालाब में पहले भी मगरमच्छ देखे जा चुके हैं, लेकिन इतने गंभीर हमले की यह पहली घटना है। यह मामला अब विभाग की प्राथमिकता में शामिल हो गया है।
ग्रामीणों में डर और गुस्सा – “तालाब बना जानलेवा, बच्चे खतरे में”
ग्रामीण इस घटना से काफी आक्रोशित हैं। भाजपा नेता ईश्वर चंद सैनी और स्थानीय निवासी जोगिंद्र ने बताया कि गांव के इस तालाब में पहले भी कई बार मगरमच्छ देखे गए हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि गांव में बच्चों और महिलाओं की आवाजाही तालाब के किनारे होती है, जिससे खतरा बना रहता है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि –
- तालाब की पूरी तरह सफाई कराई जाए,
- मगरमच्छों को पकड़कर अन्यत्र छोड़ा जाए,
- तालाब के चारों तरफ सुरक्षा दीवार बनाई जाए या चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।
उनका कहना है कि जब तक इन मांगों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक गांव के सैकड़ों परिवार भय के साये में जीने को मजबूर रहेंगे।
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल, स्थायी समाधान की दरकार
यह घटना न केवल वन विभाग की जिम्मेदारी को उजागर करती है, बल्कि प्रशासन की उदासीनता पर भी सवाल उठाती है। गांव में पूर्व में भी मगरमच्छ दिखाई देने की घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन किसी तरह की रोकथाम नहीं की गई। अब जबकि इंसान पर हमला हो चुका है, तब विभाग हरकत में आया है।
“हम सरकार से अपील करते हैं कि ऐसी घटनाओं को हल्के में न लें। ये इंसानी जान का मामला है। एक तरफ सरकार जल संरक्षण की बात करती है, दूसरी तरफ ग्रामीण तालाबों को मगरमच्छों के हवाले छोड़ दिया गया है। यह दोहरा रवैया नहीं चलेगा।” – भाजपा नेता ईश्वर चंद सैनी
डूंगरपुर गांव के निवासियों का कहना है कि गांव का तालाब किसी आशीर्वाद की तरह था, लेकिन अब वह अभिशाप बन चुका है। प्रशासन को चाहिए कि वह पूरे इलाके की वन्यजीव स्थिति की जांच कराए और जहां-जहां तालाबों में मगरमच्छ या अन्य खतरनाक जीव मौजूद हैं, वहां तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाए।
निष्कर्ष:
डूंगरपुर की यह घटना उत्तराखंड में मानव और वन्यजीवों के टकराव की एक नई चेतावनी है। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में इससे भी बड़े हादसे हो सकते हैं। ग्रामीणों की जान की सुरक्षा केवल आश्वासनों से नहीं, ठोस कार्यवाही से सुनिश्चित की जा सकती है। सुरेश की दर्दनाक कहानी प्रशासन के लिए चेतावनी है – अब नहीं चेते तो अगली बार किसी की जान जा सकती है।
रिपोर्ट: Intzar Raza | संपादन: Daily Live Uttarakhand डेस्क
📍स्थान: डूंगरपुर, लक्सर (हरिद्वार)
🗓️ दिनांक: 14 जून 2025