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मनरेगा घोटाले पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई,, दो ग्राम विकास अधिकारी निलंबित, गढ़ और आन्नेकी ग्राम पंचायतों में मिली गड़बड़ियां,, सीडीओ ने चेताया – आगे भी बख्शे नहीं जाएंगे दोषी अधिकारी

इन्तजार रजा हरिद्वार- मनरेगा घोटाले पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई,,
दो ग्राम विकास अधिकारी निलंबित, गढ़ और आन्नेकी ग्राम पंचायतों में मिली गड़बड़ियां,,
सीडीओ ने चेताया – आगे भी बख्शे नहीं जाएंगे दोषी अधिकारी

हरिद्वार जनपद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत पाई गई गंभीर अनियमितताओं पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के निर्देश पर जिला विकास अधिकारी हरिद्वार ने दो ग्राम विकास अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई विकास खंड बहादराबाद के अंतर्गत ग्राम गढ़ और ग्राम आन्नेकी में कराए गए कार्यों की जांच के बाद की गई, जिनमें व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां सामने आईं।

निलंबित किए गए ग्राम विकास अधिकारियों के नाम श्री रविन्द्र सैनी और श्री प्रमोद सैनी हैं। जांच में दोनों अधिकारियों की संलिप्तता प्रमाणित पाई गई, जिसके बाद विभाग ने बिना देर किए इन्हें सेवा से निलंबित कर दिया। जांच में यह सामने आया कि योजनाओं में बिना कार्य कराए भुगतान किए गए, मजदूरों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा हुआ, और कई कार्यों में मस्टर रोल तथा फोटो सहित साक्ष्य उपलब्ध नहीं थे।

सीडीओ हरिद्वार आकांक्षा कोंडे ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियों की पुनरावृत्ति होती है, तो अन्य ग्राम विकास अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

निलंबन अवधि के दौरान दोनों अधिकारियों को अन्य विकास खंडों से संबद्ध रखा जाएगा, लेकिन इन्हें किसी भी प्रकार की वित्तीय अथवा प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाएगी।

प्रशासन का यह कड़ा कदम यह दर्शाता है कि जिले में मनरेगा के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी विकास खंड अधिकारियों और ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया है कि वे मनरेगा कार्यों में पूर्ण पारदर्शिता रखें और समय-समय पर दस्तावेजों की जांच कराते रहें।

यह पहली बार नहीं है जब मनरेगा में गड़बड़ियों को लेकर हरिद्वार जनपद में कार्रवाई हुई हो। पूर्व में भी कई बार शिकायतों के आधार पर जांचें कर अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं। लेकिन इस बार प्रशासन का संदेश स्पष्ट है – “भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं।”

जनता भी इस कार्रवाई को सकारात्मक रूप में देख रही है। कई ग्रामवासियों ने कहा कि लंबे समय से मनरेगा कार्यों में लापरवाही और भ्रष्टाचार देखा जा रहा था। अब प्रशासन की इस सख्ती से उम्मीद जगी है कि लाभार्थियों को योजना का पूरा लाभ मिलेगा।

हरिद्वार प्रशासन द्वारा अपनाई गई यह जीरो टॉलरेंस नीति निश्चित ही अन्य अधिकारियों को भी अपने कार्य में पारदर्शिता रखने की प्रेरणा देगी।

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