हरिद्वार आरटीओ कार्यालय पर चारधाम यात्रा को लेकर हंगामा, बाहरी राज्यों के खाली वाहनों के ग्रीन कार्ड फिटनेस बनाए जाने पर भड़के स्थानीय ट्रेवल्स कारोबारी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने निरीक्षण कर दिए कार्रवाई के निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार आरटीओ कार्यालय पर चारधाम यात्रा को लेकर हंगामा,
बाहरी राज्यों के खाली वाहनों के ग्रीन कार्ड फिटनेस बनाए जाने पर भड़के स्थानीय ट्रेवल्स कारोबारी,
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने निरीक्षण कर दिए कार्रवाई के निर्देश,
इन्तजार रजा हरिद्वार, 28 अप्रैल।
चारधाम यात्रा के लिए हरिद्वार से गुजरने वाले वाहनों के ग्रीन कार्ड फिटनेस बनाए जाने को लेकर सोमवार को हरिद्वार आरटीओ कार्यालय में भारी हंगामा देखने को मिला। स्थानीय ट्रेवल्स कारोबारियों ने आरोप लगाया कि बाहरी राज्यों से बिना यात्री लिस्ट के आने वाले वाहनों को ग्रीन कार्ड फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं, जो पूर्व में हुए आश्वासन के खिलाफ है। इसको लेकर उन्होंने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) निखिल शर्मा से मुलाकात कर विरोध जताया और तत्काल कार्रवाई की मांग की।
समीक्षा बैठक में मिला था भरोसा, फिर भी हो रही अनदेखी
चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड का मुख्य आकर्षण रहती है, और इस यात्रा के संचालन में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की बड़ी भूमिका होती है। हरिद्वार के स्थानीय ट्रेवल्स कारोबारी काफी समय से इस बात को लेकर चिंतित हैं कि बाहरी राज्यों से बिना यात्रियों के दस्तावेज के आने वाले वाहनों को आरटीओ द्वारा ग्रीन कार्ड जारी कर दिया जा रहा है।
कुछ दिन पूर्व हरिद्वार परिवहन विभाग द्वारा स्थानीय ट्रेवल्स कारोबारियों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में स्पष्ट रूप से यह सहमति बनी थी कि जिन वाहनों के पास यात्रियों की पूरी सूची नहीं होगी, उनके ग्रीन कार्ड फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं बनाए जाएंगे। यह निर्णय स्थानीय व्यवसायों की रक्षा करने, अनावश्यक प्रतिस्पर्धा रोकने और अवैध रूप से संचालित वाहनों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से लिया गया था।लेकिन अब कारोबारी आरोप लगा रहे हैं कि आरटीओ कार्यालय में इस आश्वासन की अनदेखी की जा रही है और बिना यात्री लिस्ट के वाहनों को भी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी हो रहे हैं। इससे स्थानीय कारोबारियों को नुकसान हो रहा है और उनकी आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
आरटीओ कार्यालय में विरोध प्रदर्शन, एआरटीओ से हुई शिकायत
सोमवार को बड़ी संख्या में स्थानीय ट्रेवल्स कारोबारी हरिद्वार आरटीओ कार्यालय पहुंचे और वहां हंगामा किया। उनका कहना था कि बाहरी राज्यों के खाली वाहन बिना यात्रियों को लेकर प्रवेश कर रहे हैं और यहाँ से 15 दिन का ग्रीन कार्ड फिटनेस ले रहे हैं, जिससे हरिद्वार के ट्रेवल्स कारोबार पर विपरीत असर पड़ रहा है।
कारोबारियों ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) निखिल शर्मा से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने एआरटीओ के समक्ष स्पष्ट रूप से सवाल उठाए कि जब बिना यात्री लिस्ट के वाहनों पर रोक लगाने का वादा किया गया था, तो फिर कैसे इन वाहनों के ग्रीन कार्ड जारी किए जा रहे हैं?
व्यापारियों ने मांग की कि बाहरी वाहनों की पूरी जांच की जाए, और जब तक वे यात्रियों की सूची पेश न करें, तब तक न तो उनका ग्रीन कार्ड बने और न ही उन्हें यात्रा के लिए परमिट दिया जाए।
एआरटीओ ने दिया सख्त कार्रवाई का आश्वासन
व्यापारियों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी निखिल शर्मा ने तुरंत ग्रीन कार्ड फिटनेस सेल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि ग्रीन कार्ड तभी बनाया जाए जब वाहन चालक या ट्रेवल्स कंपनी यात्रियों की पूरी सूची प्रस्तुत करे।
एआरटीओ निखिल शर्मा ने कहा,
“चारधाम यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, और इसकी पवित्रता एवं व्यवस्थित संचालन को सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। जो भी वाहन यात्री लिस्ट प्रस्तुत करेगा, उसी के आधार पर उसे 15 दिन के लिए ग्रीन फिटनेस कार्ड जारी किया जाएगा। बिना लिस्ट के वाहनों को तुरंत लौटा दिया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा कि जिले भर में अवैध वाहनों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। एक विशेष टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है जो बिना परमिट, बिना यात्री सूची या अन्य नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई कर रही है।
स्थानीय ट्रेवल्स कारोबारियों की समस्याएं और आशंकाएँ
हरिद्वार के ट्रेवल्स कारोबारी वर्षों से चारधाम यात्रा के दौरान यात्री परिवहन सेवाएं प्रदान करते आ रहे हैं। लेकिन इस बार बाहरी राज्यों से अनियमित तरीके से आने वाले वाहनों के कारण उन्हें अपनी आमदनी में भारी गिरावट का सामना करना पड़ रहा है।
व्यापारियों ने कहा कि जब बाहरी वाहन बिना यात्री लिस्ट के हरिद्वार में प्रवेश कर जाते हैं और यहाँ से ग्रीन कार्ड बनवा लेते हैं, तो इससे स्थानीय ट्रेवल्स की बुकिंग पर असर पड़ता है। कई बार ये वाहन अवैध रूप से यात्रियों को हरिद्वार से उठाकर चारधाम के लिए ले जाते हैं, जिससे न केवल व्यवसाय प्रभावित होता है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती है, क्योंकि ऐसे वाहनों का कोई स्थायी रिकॉर्ड विभाग के पास नहीं होता।
कारोबारियों ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ बाहरी वाहन संचालक दस्तावेजों में हेरफेर कर ग्रीन कार्ड बनवा रहे हैं। इस पर उन्होंने सख्त जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
प्रशासनिक स्तर पर सख्ती के संकेत
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने ट्रेवल्स कारोबारियों को भरोसा दिलाया कि विभाग पूरी सख्ती से नियमों का पालन सुनिश्चित कराएगा। उन्होंने कहा कि निरीक्षण और चेकिंग अभियान लगातार जारी रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही या मिलीभगत पाई जाती है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यात्रियों की सुरक्षा और स्थानीय ट्रेवल्स व्यवसाय की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
भविष्य में समाधान की दिशा में कदम
स्थानीय कारोबारियों ने भी प्रशासन को सुझाव दिया कि चारधाम यात्रा के लिए विशेष ट्रेवल्स परमिट नीति बनाई जाए जिसमें:
- केवल उन्हीं वाहनों को अनुमति मिले जो यात्रियों की सूची के साथ आए हों।
- वाहन चालकों के दस्तावेजों की पूरी तरह से जांच हो।
- चारधाम यात्रा के दौरान हर प्रवेश बिंदु पर सख्त चेकिंग हो।
- बाहरी वाहनों के पंजीकरण और यात्रा समाप्ति तक उनके मूवमेंट पर निगरानी रखी जाए।
यदि इन सुझावों को लागू किया जाए तो न केवल स्थानीय कारोबार को संरक्षण मिलेगा, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी और चारधाम यात्रा का प्रबंधन भी सुगम रहेगा।
चारधाम यात्रा के दौरान हरिद्वार आरटीओ कार्यालय में बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों को लेकर उठा विवाद स्थानीय ट्रेवल्स कारोबारियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। हालांकि एआरटीओ द्वारा दी गई कार्रवाई की गारंटी से कारोबारियों को फिलहाल कुछ राहत मिली है, लेकिन आने वाले समय में इसकी सख्त निगरानी और निष्पक्ष क्रियान्वयन ही इस समस्या का स्थायी समाधान साबित हो सकता है। हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थल पर ट्रैफिक प्रबंधन, व्यवसाय सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुरक्षा एक साथ सुनिश्चित करना प्रशासन और परिवहन विभाग की बड़ी जिम्मेदारी है।