स्वास्थ्य, सुविधा और विकास पर फोकस, भगवानपुर में जिलाधिकारी का दौरा, अस्पताल, गेहूं केंद्र और निर्माण कार्यों की जांच, जनता को बेहतर सुविधा देने के लिए सख्त निर्देश, गेहूं क्रय केंद्रों का निरीक्षण, किसानों के हक में निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार- स्वास्थ्य, सुविधा और विकास पर फोकस,
भगवानपुर में जिलाधिकारी का दौरा, अस्पताल, गेहूं केंद्र और निर्माण कार्यों की जांच,
जनता को बेहतर सुविधा देने के लिए सख्त निर्देश, गेहूं क्रय केंद्रों का निरीक्षण, किसानों के हक में निर्देश
भगवानपुर/रुड़की, 09 मई 2025 — हरिद्वार जिले के जिलाधिकारी श्री कर्मेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को भगवानपुर क्षेत्र में कई स्थानों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरे में उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, निर्माणाधीन तहसील भवन, प्रस्तावित उप-जिला अस्पताल की जगह और गेहूं क्रय केंद्रों का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने साफ तौर पर कहा कि जनता को किसी भी सेवा में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए।
अस्पताल का निरीक्षण, मरीजों की सुविधा पर जोर
सबसे पहले जिलाधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भगवानपुर पहुंचे। यहां उन्होंने अस्पताल में मिलने वाली सुविधाएं देखीं और मरीजों के इलाज के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल के सभी मुख्य हिस्सों का दौरा किया, जिसमें ऑपरेशन थिएटर, प्रसव वार्ड, नवजात शिशु देखभाल केंद्र और आपातकालीन कक्ष शामिल हैं।निरीक्षण के दौरान उन्होंने मरीजों और उनके परिजनों से सीधे बातचीत की और अस्पताल की स्थिति के बारे में पूछा। कई लोगों ने साफ-सफाई और दवाओं की उपलब्धता पर अपनी बातें रखीं।
अस्पताल की सफाई व्यवस्था से जिलाधिकारी नाराज नजर आए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को तुरंत परिसर में साफ-सफाई कराने, वाटर कूलर के आसपास की गंदगी हटवाने और परिसर में पड़ी पुरानी ईंटों तथा खराब सामान को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल आने वाले मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि सभी जरूरी दवाइयां अस्पताल के औषधि केंद्र में मौजूद होनी चाहिए। उन्होंने खासतौर पर स्नेक बाइट (सांप काटने की दवा) और डॉग बाइट (कुत्ता काटने की दवा) इंजेक्शन की उपलब्धता की जांच की और उसका रिकॉर्ड भी देखा।इसके अलावा उन्होंने अस्पताल परिसर में बन रही नई लैब के निर्माण की जानकारी भी ली। उन्होंने सभी कर्मचारियों से कहा कि मरीजों और उनके परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार करें और समय पर इलाज सुनिश्चित करें।
गेहूं क्रय केंद्रों का निरीक्षण, किसानों के हक में निर्देश
इसके बाद जिलाधिकारी ने बहुद्देशीय किसान सेवा सहकारी समिति भगवानपुर और बहुद्देशीय साधन सहकारी समिति गेहूं क्रय केंद्र चौली मंडावर का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने गेहूं तौलने के लिए रखे गए कांटे (तुला यंत्र) की जांच की और स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी किसान के साथ धोखाधड़ी न हो। तौल सही होनी चाहिए और सभी किसानों को पूरी जानकारी दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी स्तर पर घटतौली की शिकायत मिली तो जिम्मेदार कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना था कि किसानों के साथ किसी भी तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रस्तावित उप-जिला अस्पताल की जमीन देखी, काम तेज करने के निर्देश
जिलाधिकारी ने मंडावर-हसनपुर रोड पर उस जगह का भी स्थलीय निरीक्षण किया जहां पर उप-जिला चिकित्सालय बनाया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने मौके पर मौजूद स्वास्थ्य और राजस्व विभाग के अधिकारियों को कई जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज और प्रक्रियाएं जल्द पूरी की जाएं ताकि अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हो सके।
नए तहसील भवन का दौरा, गुणवत्ता और समय पर काम पूरा करने पर जोर
भगवानपुर-इमलीखेड़ा रोड पर बन रहे भगवानपुर के नए तहसील भवन का भी जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी ली और मौके पर मौजूद ठेकेदार को निर्देश दिया कि काम में तेजी लाई जाए और भवन निर्माण जल्द पूरा किया जाए। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी को यह भी निर्देश दिया कि भवन में बने फर्श का ढलान पानी डालकर जांचा जाए, ताकि बारिश या सफाई के समय पानी जमा न हो।उन्होंने कहा कि सरकारी भवनों का निर्माण न सिर्फ समय पर बल्कि अच्छी गुणवत्ता के साथ होना चाहिए। निर्माण कार्य में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
अधिकारियों की मौजूदगी और जिम्मेदारी
इस पूरे निरीक्षण के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी जिलाधिकारी के साथ मौजूद रहे। इनमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. सिंह, उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अभिमन्यु ठाकुर, तहसीलदार दयाराम, डिप्टी आरएमओ प्रमोद सती और मुख्य वैयक्तिक अधिकारी सुदेश कुमार प्रमुख रूप से शामिल थे। इन सभी अधिकारियों को जिलाधिकारी ने अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपीं और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
जिलाधिकारी श्री कर्मेन्द्र सिंह का यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि इसके जरिए उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि सरकारी योजनाएं कागजों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। हर स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए और जनता को सीधा लाभ मिलना चाहिए। साफ-सफाई, दवाओं की उपलब्धता, किसानों की सुविधा और सरकारी भवनों की गुणवत्ता — हर पहलू पर उन्होंने गंभीरता से ध्यान दिया।
भगवानपुर जैसे अर्ध-शहरी क्षेत्र में इस तरह की सक्रियता यह भी संकेत देती है कि शासन अब जमीनी हकीकत को समझते हुए बदलाव की दिशा में बढ़ रहा है। यदि इस तरह की निगरानी लगातार बनी रही, तो आने वाले समय में आम लोगों को काफी राहत मिलेगी और सरकारी सेवाओं पर उनका भरोसा भी मजबूत होगा।