वक्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का बड़ा बयान,वक्फ माफियाओं और कलियर में बैठे सज्जादों ने साबिर पाक दरगाह की कब्जा रखी है जमीने। सीबीआई से कराएंगे जांच।जिसने ली है उसे पाई पाई वापस करनी होगी। गरीब आवाम को मिलेगा लाभ
"यह एक्ट पारदर्शिता लाएगा, संपत्तियों का सही रिकॉर्ड बनेगा और समाज के हक़ की रक्षा की जाएगी। जो लोग इस एक्ट को लेकर डर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, वे या तो अनभिज्ञ हैं या फिर जानबूझकर भ्रम पैदा कर रहे हैं," शम्स ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस एक्ट के आने से वक़्फ़ बोर्ड को कानूनी अधिकार मिलेंगे जिससे वह गलत तत्वों पर कार्रवाई कर सकेगा और समाज के लिए स्कूल, अस्पताल, मदरसे और अन्य कल्याणकारी संस्थानों को मजबूत किया जा सकेगा।

इन्तजार रजा हरिद्वार-वक्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का बड़ा बयान,वक्फ माफियाओं और कलियर में बैठे सज्जादों ने साबिर पाक दरगाह की कब्जा रखी है जमीने। सीबीआई से कराएंगे जांच।जिसने ली है उसे पाई पाई वापस करनी होगी। गरीब आवाम को मिलेगा लाभ
वक़्फ़ एक्ट पर शादाब शम्स का बड़ा बयान: “कलियर में कब्ज़ा किए बैठे हैं सज्जादे, CBI जांच कराएंगे”
उत्तराखंड वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने वक़्फ़ संपत्तियों और हाल ही में पारित वक़्फ़ एक्ट को लेकर बड़ा और सख्त बयान जारी किया है। मंगलौर दौरे पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वक़्फ़ एक्ट मुस्लिम समाज के हित में है और इससे डरने या भ्रमित होने की ज़रूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने कलियर स्थित साबिर पाक दरगाह में मौजूद सज्जादों पर वक़्फ़ ज़मीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले की CBI जांच कराई जाएगी और जिसने भी संपत्ति पर कब्ज़ा किया है, उससे पाई-पाई वसूली जाएगी।

वक़्फ़ एक्ट: समाज के हित में बदलाव…….. शादाब शम्स ने वक़्फ़ एक्ट को लेकर उठ रही शंकाओं और विरोध की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पारित हुआ है और इसका उद्देश्य वक़्फ़ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और मुस्लिम समाज को मजबूत करना है।
“यह एक्ट पारदर्शिता लाएगा, संपत्तियों का सही रिकॉर्ड बनेगा और समाज के हक़ की रक्षा की जाएगी। जो लोग इस एक्ट को लेकर डर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, वे या तो अनभिज्ञ हैं या फिर जानबूझकर भ्रम पैदा कर रहे हैं,” शम्स ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस एक्ट के आने से वक़्फ़ बोर्ड को कानूनी अधिकार मिलेंगे जिससे वह गलत तत्वों पर कार्रवाई कर सकेगा और समाज के लिए स्कूल, अस्पताल, मदरसे और अन्य कल्याणकारी संस्थानों को मजबूत किया जा सकेगा।
“जहाँ पुतले फूंके, वहीं स्वागत हुआ” बोले शादाब शम्स …………शादाब शम्स ने एक बेहद भावनात्मक और प्रतीकात्मक बात कही। उन्होंने कहा, “जहाँ कभी मेरे पुतले फूंके गए थे, वहीं आज लोग मेरा स्वागत कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि अब लोगों को सच्चाई समझ में आने लगी है।” यह बात उन्होंने मंगलौर में अपने स्वागत के दौरान कही, जो इस बात का संकेत है कि उनकी नीतियों और फैसलों को अब जनता का समर्थन मिलना शुरू हो गया है।यह बयान यह भी दर्शाता है कि शम्स अपने विरोधियों से डरे नहीं हैं, बल्कि उन्होंने उनकी आलोचनाओं को जवाब देने के लिए अपने काम से लोगों का विश्वास जीता है।
भ्रम फैलाने वालों पर शम्स का निशाना……...शादाब शम्स ने खासतौर पर उन लोगों को निशाने पर लिया जो वक़्फ़ एक्ट को लेकर नकारात्मक बातें फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग निजी स्वार्थ के चलते इस कानून का विरोध कर रहे हैं, जबकि असल में यह कानून मुस्लिम समुदाय को सशक्त बनाने वाला है।
“जो लोग वक़्फ़ संपत्तियों से अपना फायदा निकालते रहे हैं, वही इस कानून से डर रहे हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। हर ज़मीन का हिसाब होगा, हर कब्ज़े की जांच होगी,” उन्होंने दो टूक कहा।
मुस्लिम समाज की बेहतरी की दिशा में वक्फ बोर्ड संसोधन कदम………वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनका मकसद किसी से दुश्मनी रखना नहीं है, बल्कि मुस्लिम समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोज़गार के बेहतर अवसर प्रदान करना है। वक़्फ़ की संपत्तियों का सही उपयोग किया जाए, ताकि समाज को वास्तविक लाभ मिले।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे कई राज्यों में वक़्फ़ संपत्तियों का सही प्रबंधन करके वहां स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और कौशल विकास केंद्र खोले गए हैं। उत्तराखंड में भी इसी दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
शादाब शम्स का यह बयान सिर्फ एक चेतावनी नहीं है, बल्कि एक नई दिशा में बढ़ते वक़्फ़ बोर्ड की नीति का संकेत भी है। उन्होंने वक़्फ़ संपत्तियों को समाज के हित में उपयोग करने का जो संकल्प लिया है, वह आने वाले समय में बड़े बदलाव का कारण बन सकता है।
CBI जांच की मांग, वक़्फ़ एक्ट के समर्थन, और समाज के विकास की बातों से साफ है कि शम्स सिर्फ बातें नहीं कर रहे, बल्कि ज़मीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए तैयार हैं। अब देखना यह है कि इन कदमों का असर किस तरह होता है और क्या वाकई वक़्फ़ संपत्तियों का सही प्रबंधन संभव हो पाएगा।