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जनहित सर्वोपरि: जनकल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुँचाना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी – सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, जलभराव, पेयजल व स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश; जन समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की चेतावनी, जनपद हरिद्वार में ‘दिशा’ बैठक के माध्यम से विकास योजनाओं की समीक्षा, अफसरों को सख्त निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार- जनहित सर्वोपरि: जनकल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुँचाना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी – सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत,
जलभराव, पेयजल व स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश; जन समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की चेतावनी,
जनपद हरिद्वार में ‘दिशा’ बैठक के माध्यम से विकास योजनाओं की समीक्षा, अफसरों को सख्त निर्देश

हरिद्वार, 14 मई 2025।
लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुँचना चाहिए, और इसके लिए सभी अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करें। मेला नियंत्रण कक्ष सीसीआर में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति की विभागवार समीक्षा की गई।

अफसरों को सख्त निर्देश: “लापरवाही बर्दाश्त नहीं”

समीक्षा के दौरान सांसद रावत ने कहा कि केन्द्र सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन उनका उद्देश्य तभी पूर्ण होगा जब इनका लाभ जमीनी स्तर पर आमजन को मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि आपसी समन्वय की कमी के कारण कोई योजना बाधित नहीं होनी चाहिए और जनहित के कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं है।

जलभराव और जलनिकासी पर फोकस

सड़क मार्गों की समीक्षा के दौरान सांसद रावत ने निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या बनी रहती है, वहां जल निकासी की व्यवस्था को वर्षा ऋतु से पूर्व सुनिश्चित किया जाए। नालियों की नियमित सफाई, जलभराव से निपटने के लिए पंपिंग स्टेशन और समुचित नाला प्रबंधन के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि यह प्रशासन की ज़िम्मेदारी है कि बरसात से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं ताकि जनता को जलभराव की समस्या से जूझना न पड़े।

पेयजल संकट पर विशेष चिंता

जल निगम एवं जल संस्थान के अभियंताओं को निर्देशित करते हुए सांसद रावत ने कहा कि जिन गांवों में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल कनेक्शन नहीं दिए गए हैं, वहां प्राथमिकता से कार्य कर इसे शीघ्र पूर्ण किया जाए। जहां भी जनप्रतिनिधियों द्वारा पेयजल समस्या की ओर इशारा किया गया है, वहां त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए।

स्वास्थ्य और पर्यावरण पर दोहरी मार

डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने और जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। सांसद रावत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देशित किया कि इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्रियों से निकलने वाले रसायनों और अपशिष्ट पदार्थों का उचित प्रबंधन हो। इसके लिए फैक्ट्री संचालकों के साथ बैठक कर रणनीति तय की जाए।

बिजली व्यवस्था पर समीक्षा

विद्युत विभाग की समीक्षा में हाई टेंशन लाइन के स्थानांतरण और लो वोल्टेज की समस्या वाले क्षेत्रों पर भी चर्चा हुई। सांसद रावत ने कहा कि बिना सूचना के विद्युत कटौती ना की जाए और यदि आवश्यक हो तो जनसामान्य को पहले से सूचित किया जाए।

बाणगंगा की साफ-सफाई व मत्स्य पालन को बढ़ावा

सांसद रावत ने बाणगंगा नदी की सफाई, उसमें मछलियों के संरक्षण एवं विकास, तथा तालाब निर्माण हेतु मत्स्य विभाग और सिंचाई विभाग को निर्देश दिए। मनरेगा के तहत छोटे तालाबों का निर्माण कर जल संरक्षण और ग्रामीण आजीविका दोनों को लाभ पहुंचाने की योजना पर बल दिया गया।

जनप्रतिनिधियों की समस्याओं पर तत्परता

बैठक के दौरान विभिन्न विधायकों और जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को प्रस्तुत किया गया। जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने आश्वासन दिया कि सांसद रावत द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन कराया जाएगा और विभागीय समन्वय से काम को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाएगा।

स्वयं सहायता समूह की सराहना

इस अवसर पर राधा स्वामी स्वयं सहायता समूह, नूरपुर पंचनहेड़ी द्वारा आयोजित कैटरिंग सेवा की विशेष सराहना की गई। समूह की अध्यक्ष विमला जोशी के नेतृत्व में महिलाओं द्वारा परोसे गए भोजन की गुणवत्ता को सभी ने सराहा। राष्ट्रीय खेल आयोजन में भी इसी समूह द्वारा कैटरिंग कार्य किया गया था।

प्रमुख उपस्थितियाँ

बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, मेयर किरन जैसल, विधायक मदन कौशिक, आदेश चौहान, मौ. शहजाद, कॉज़ी निज़ामुद्दीन, ममता राकेश, प्रदीप बत्रा, अनुपमा रावम, रवि बहादुर सहित कई गणमान्य जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी जैसे जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, मुख्य शिक्षाधिकारी केके गुप्ता, जिला पूर्ति अधिकारी तेजबल सिंह आदि उपस्थित रहे।

दिशा की यह बैठक केवल समीक्षा तक सीमित न होकर जन सरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता और जवाबदेही का प्रतीक बनी। सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्पष्ट निर्देशों से यह संकेत गया है कि आने वाले समय में हरिद्वार विकास की नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर होगा—बशर्ते सभी अधिकारी जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

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