बहादराबाद के सुमन नगर में अजीबो-गरीब सड़क निर्माण का मामला बना चर्चा, करीब 500 मीटर की बनी सड़क पर लगे गड्ढे वाले ताले, चारों ओर खुदे खड्डे, एक महीने से बंद पड़ी है आवाजाही, क्या ठेकेदार और विभाग को भरोसा नहीं अपनी बनाई सड़क पर?, क्या सड़क की गुणवत्ता पर खुद को है शक ? एक महीने से बंद पड़ी है सड़क, लोग परेशान,
अब जनता जानना चाहती है – ये सड़क बनी क्यों, और बंद क्यों है? क्या ये भी किसी घोटाले की भूमिका है, या सिर्फ लापरवाही की नजीर?

इन्तजार रजा हरिद्वार- बहादराबाद के सुमन नगर में अजीबो-गरीब सड़क निर्माण का मामला बना चर्चा,
करीब 500 मीटर की बनी सड़क पर लगे गड्ढे वाले ताले,
चारों ओर खुदे खड्डे, एक महीने से बंद पड़ी है आवाजाही,
क्या ठेकेदार और विभाग को भरोसा नहीं अपनी बनाई सड़क पर?, क्या सड़क की गुणवत्ता पर खुद को है शक ? एक महीने से बंद पड़ी है सड़क, लोग परेशान,
हरिद्वार के सुमन नगर में पथरी रौ नदी के किनारे बनी एक सड़क लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। वजह है इस सड़क की हालत और प्रशासन की चुप्पी। करीब 500 मीटर लंबी ये सड़क एक महीने पहले बनकर तैयार हो चुकी है, लेकिन न कोई गाड़ी उस पर चल सकती है, न कोई पैदल जा सकता है। क्योंकि चारों ओर से इस सड़क को खड्डे खोदकर पूरी तरह बंद कर दिया गया है। अब सवाल ये है कि आखिर ये सड़क बनाई किसके लिए गई?
सड़क बनी… लेकिन सिर्फ देखने के लिए?
लोग हैरान हैं कि एक महीने पहले बनी सड़क का इस्तेमाल कोई क्यों नहीं कर पा रहा? क्या ये सड़क जनता के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ फोटो खिंचवाने और रिपोर्ट बनाने के लिए तैयार की गई है? ये सवाल अब हर किसी की जुबान पर है। सड़क पूरी तरह बन चुकी है – डामर डाला गया, किनारों की सफाई हुई, और देखने में सबकुछ ठीक लगता है। लेकिन चारों ओर जानबूझकर खड्डे खोद दिए गए हैं ताकि कोई इस पर से गुजर न सके।
ठेकेदार और विभागीय अधिकारी चुप, जवाब देने वाला कोई नहीं
सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात ये है कि इस पूरे मामले में अब तक न तो ठेकेदार सामने आया, न ही संबंधित विभाग के किसी अधिकारी ने कोई सफाई दी है। ऐसा लगता है जैसे सबने एक साथ चुप्पी साध ली है। स्थानीय लोगों ने जब सवाल उठाए तो उन्हें गोलमोल जवाब देकर चुप कराने की कोशिश की गई।
क्या सड़क की गुणवत्ता पर खुद को शक है?
एक बड़ा सवाल ये भी उठ रहा है कि कहीं सड़क की गुणवत्ता इतनी खराब तो नहीं कि विभाग खुद ही उस पर भरोसा नहीं कर पा रहा? कहीं ऐसा तो नहीं कि बिल पास होने से पहले ही सड़क टूट न जाए, इसलिए विभाग खुद ही इसे बंद करके बैठ गया है? अगर सड़क सही बनी है, तो जनता से छिपाने की क्या जरूरत?
एक महीने से बंद पड़ी है सड़क, लोग परेशान
स्थानीय लोगों को अब इस सड़क की जरूरत महसूस हो रही है। कई घरों और कॉलोनियों को जोड़ने वाली ये सड़क अगर खोल दी जाए तो आवागमन बेहद आसान हो जाएगा। लेकिन अफसोस की बात है कि लाखों रुपये खर्च कर जो सड़क बनी, वो जनता के किसी काम नहीं आ रही। एक महीने से लोग बस इसकी ओर देखते रह जाते हैं, लेकिन आगे जाने का रास्ता नहीं मिलता।
जनता के पैसे की बर्बादी, कार्रवाई कौन करेगा?
सवाल साफ है – जब सड़क बनकर तैयार हो चुकी है, तो उसे खोला क्यों नहीं जा रहा? खड्डे क्यों खुदे हैं? जवाबदेही किसकी है? क्या जनता के टैक्स का पैसा यूं ही बर्बाद होता रहेगा? स्थानीय प्रशासन को अब चुप्पी तोड़नी होगी और जनता को जवाब देना होगा।
सुमन नगर की ये सड़क न सिर्फ एक निर्माण कार्य है, बल्कि सिस्टम की सोच और जवाबदेही पर बड़ा सवाल भी खड़ा करती है। एक ओर जहां सरकारें विकास के दावे करती हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसी सड़कें बनी-बनाई शोपीस बनकर रह जाती हैं। ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों की चुप्पी इस बात को और भी संदिग्ध बना रही है।
अब जनता जानना चाहती है – ये सड़क बनी क्यों, और बंद क्यों है? क्या ये भी किसी घोटाले की भूमिका है, या सिर्फ लापरवाही की नजीर?
प्रशासन को चाहिए कि तुरंत स्थिति साफ करे और इस सड़क को आमजन के लिए खोले – वरना सवाल और गहराते जाएंगे।