उत्तराखंड में मुख्यमंत्री धामी की पहल: स्वयं सहायता समूहों और MSME को सरकारी खरीद में क्रय वरीयता

इन्तजार रजा हरिद्वार- उत्तराखंड में मुख्यमंत्री धामी की पहल: स्वयं सहायता समूहों और MSME को सरकारी खरीद में क्रय वरीयता
उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में स्थानीय उद्यमों और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य मंत्रिमंडल ने स्वयं सहायता समूहों (SHG) और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को सरकारी खरीद प्रक्रिया में 10% क्रय वरीयता देने की नीति को मंजूरी दी है।
मुख्यमंत्री धामी ने इस पहल को “आत्मनिर्भर उत्तराखंड” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब SHG और MSME को सरकारी निविदाओं में क्रय वरीयता दी जा रही है, जिससे स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित होगी।
इस नीति के तहत, यदि SHG या MSME की बोली न्यूनतम बोली से 10% तक अधिक है, तो भी उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इससे विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा संचालित समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनने का अवसर मिलेगा।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने निविदा प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कई सुधार किए हैं:
- ई-बैंक गारंटी (e-BG): अब निविदाओं के साथ ऑनलाइन ई-बैंक गारंटी स्वीकार की जाएगी, जिससे भौतिक जमा की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
- शिकायत निवारण प्रणाली: IFMS पोर्टल पर एक समर्पित शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित की जाएगी, जिससे निविदा से संबंधित शिकायतों का त्वरित समाधान संभव होगा।
- GeM पोर्टल का उपयोग: सरकारी खरीद में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए GeM पोर्टल के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी घोषणा की कि अब तक केवल ₹5 लाख तक के कार्य SHG को दिए जाते थे, लेकिन नई नीति के तहत यह सीमा बढ़ाकर ₹10 करोड़ तक कर दी गई है। इससे स्थानीय उद्यमियों को बड़े सरकारी कार्यों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
राज्य सरकार ने SHG उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन के लिए “स्वप्न” नामक एक छत्र ब्रांड विकसित किया है, जिससे इन उत्पादों की पहुंच और दृश्यता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर राज्य की आंतरिक अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाए और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए।”
यह नीति न केवल स्थानीय उद्यमों को सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य की आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।