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सुद्धोवाला जेल से चला अपराध का जाल, डैक्कन वैली हत्याकांड की गूंज, गैंगस्टर-शूटर गठजोड़ से हुआ सनसनीखेज खुलासा, टिहरी पुलिस की तेज़ कार्रवाई, मुख्य साज़िशकर्ता गिरफ्तार, डीजीपी ने किया सम्मानित

इन्तजार रजा हरिद्वार- सुद्धोवाला जेल से चला अपराध का जाल,
डैक्कन वैली हत्याकांड की गूंज, गैंगस्टर-शूटर गठजोड़ से हुआ सनसनीखेज खुलासा,
टिहरी पुलिस की तेज़ कार्रवाई, मुख्य साज़िशकर्ता गिरफ्तार, डीजीपी ने किया सम्मानित

डैक्कन वैली, तपोवन: अपराध की आड़ में पसरा सन्नाटा टूटा
उत्तराखंड में संगठित अपराध का एक चौंकाने वाला मामला तब सामने आया, जब टिहरी जिले के मुनिकीरेती थाना क्षेत्र के अंतर्गत डैक्कन वैली सोसाइटी में हाईड आउट कैफे और जीवन उत्सव रिज़ॉर्ट के संचालक नितिन देव की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। स्कूटी सवार अज्ञात हमलावरों द्वारा की गई इस वारदात ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी थी। लेकिन टिहरी पुलिस की तत्परता और विवेचना ने इस मामले को महज एक हत्या नहीं, बल्कि उत्तराखंड की जेलों से संचालित हो रहे संगठित अपराध के बड़े जाल की तरह उजागर कर दिया।

जेल से रची गई थी साजिश, गैंगस्टर और सुपारी किलर का गठबंधन
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आने लगे। मृतक नितिन देव द्वारा एक व्यक्ति विपिन नैय्यर के खिलाफ दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के अंतर्गत की गई कठोर पैरवी के चलते उसे जेल भेजा गया था। यही से इस खौफनाक कहानी की शुरुआत होती है। जेल में रहते हुए विपिन की मुलाकात खूंखार अपराधी रामवीर सिंह से हुई, जिसके माध्यम से यह मामला पेशेवर सुपारी किलर बिमलेश उर्फ विकास तक पहुंचा। जेल की चारदीवारी के भीतर से ही इस हत्या की योजना को अंतिम रूप दिया गया।

जेल से छूटने के बाद विपिन ने बिमलेश के साथ दिल्ली और ऋषिकेश में कई बार गुप्त मुलाकातें कीं। इसके बाद दो शूटर्स को डैक्कन वैली स्थित एक फ्लैट में फर्जी आईडी पर ठहराया गया। उन्होंने कई दिनों तक नितिन देव की गतिविधियों की रेकी की और फिर मौके पर घात लगाकर उनकी हत्या कर दी। यह अपराध न केवल सुनियोजित था, बल्कि बेहद प्रोफेशनल ढंग से अंजाम दिया गया।

टिहरी पुलिस की गहन जांच और अंतरराज्यीय ऑपरेशन
घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल के निर्देशन में छह विशेष टीमों का गठन किया गया, जिनमें तकनीकी विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल सर्विलांस, बैंकिंग ट्रांजेक्शन और फील्ड इंटेलिजेंस को आधार बनाकर जांच को आगे बढ़ाया गया। टीमों ने उत्तराखंड, दिल्ली, बिहार और यूपी में छापेमारी की। इसी दौरान अहम सुराग के आधार पर पुलिस ने 16 मई 2025 को सुपारी किलर बिमलेश उर्फ विकास को बिहार से गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में बिमलेश ने हत्या की साजिश, सुपारी की डील और अन्य सहयोगियों के नाम उजागर किए हैं। यह भी सामने आया कि जेल में बैठे अपराधी किस प्रकार से बाहरी नेटवर्क के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से हत्याएं करवा रहे हैं। इससे उत्तराखंड की जेलों की सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठते हैं।

डीजीपी ने सराहा कार्य, पुरस्कार की घोषणा, फरार शूटरों की तलाश जारी
इस जघन्य हत्याकांड के खुलासे और मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी पर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने टिहरी पुलिस की सराहना की है। डीजीपी ने पूरे ऑपरेशन को उत्कृष्ट बताते हुए ₹50,000 की नकद इनाम की घोषणा की है। साथ ही फरार शूटरों और साजिश में शामिल अन्य अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं।

डीजीपी सेठ ने यह भी कहा कि यह केस न केवल टिहरी पुलिस के लिए, बल्कि पूरे उत्तराखंड पुलिस महकमे के लिए एक चुनौतीपूर्ण उदाहरण है कि कैसे सीमित संसाधनों के बावजूद संगठित अपराध की जड़ों को उखाड़ फेंका जा सकता है। उन्होंने जेलों में सख्त निगरानी और आपराधिक गठजोड़ पर कठोर कार्रवाई की आवश्यकता भी जताई।

 संगठित अपराध पर करारा प्रहार, लेकिन बड़ी चुनौतियां शेष
डैक्कन वैली हत्याकांड ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराध अब सीमाओं तक सीमित नहीं रह गया है। जेलों से लेकर अंतरराज्यीय नेटवर्क तक फैले अपराधियों की श्रृंखला को तोड़ना अब कानून व्यवस्था की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। टिहरी पुलिस की सक्रियता ने एक बड़ा अपराध रोका है, लेकिन जब तक जेलों में बैठे गैंगस्टरों पर निर्णायक कार्रवाई नहीं होती, तब तक ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता।

इस सनसनीखेज खुलासे ने उत्तराखंड शासन और जेल प्रशासन को चेतावनी दी है कि अब समय आ गया है, जब जेलों को सिर्फ बंदियों के रहने की जगह नहीं, बल्कि उनकी गतिविधियों पर सतत निगरानी का केंद्र बनाना होगा।

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