बहादराबाद एटीएस सेंटर के खिलाफ ऑटो रिक्शा व विक्रम महासंघ ऑटो चालकों का भड़का गुस्सा,, ऑटो चालकों ने एआरटीओ कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए जमकर किया विरोध प्रदर्शन, एटीएस सैंटर बंद कराने की उठी मांग,, प्रदर्शनकारियों का आक्रोश और आरोप – “एटीएस सेंटर दलालों का गढ़,, फिटनेस अब सिर्फ एआरटीओ कार्यालय से कराने की मुहिम तेज,, महासंघ ने दी चेतावनी – “कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र होगा”

इन्तजार रजा हरिद्वार- बहादराबाद एटीएस सेंटर के खिलाफ ऑटो रिक्शा व विक्रम महासंघ ऑटो चालकों का भड़का गुस्सा,,
ऑटो चालकों ने एआरटीओ कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए जमकर किया विरोध प्रदर्शन, एटीएस सैंटर बंद कराने की उठी मांग,,
प्रदर्शनकारियों का आक्रोश और आरोप – “एटीएस सेंटर दलालों का गढ़,,
फिटनेस अब सिर्फ एआरटीओ कार्यालय से कराने की मुहिम तेज,,
महासंघ ने दी चेतावनी – “कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र होगा”
हरिद्वार।
हरिद्वार में ऑटो रिक्शा व विक्रम महासंघ के बैनर तले आज एआरटीओ कार्यालय के बाहर ऑटो चालकों और पदाधिकारियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बहादराबाद स्थित प्रणाम ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर अवैध वसूली का अड्डा बन चुका है। गाड़ियों की फिटनेस के नाम पर मनमानी शुल्क लिया जा रहा है और वाहन चालकों का खुलेआम उत्पीड़न किया जा रहा है। गुस्साए चालकों ने साफ कहा कि अब गाड़ियों की फिटनेस प्रक्रिया सीधे एआरटीओ कार्यालय से ही कराई जाए, ताकि इस सेंटर के जरिये हो रही लूट को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके।
प्रदर्शनकारियों का आक्रोश और आरोप – “एटीएस सेंटर दलालों का गढ़”
प्रदर्शन में शामिल बड़ी संख्या में चालकों ने आरोप लगाया कि बहादराबाद स्थित एटीएस सेंटर वाहन चालकों की मजबूरी का फायदा उठाकर जबरन पैसे वसूलता है। यदि कोई चालक अवैध शुल्क देने से इनकार कर दे तो उसकी गाड़ी पास नहीं की जाती और घंटों तक रोक दी जाती है। चालकों ने इसे सरासर भ्रष्टाचार करार देते हुए कहा कि यह सेंटर दलालों और दबंगों का गढ़ बन चुका है, जहां आम चालक के अधिकारों की कोई सुनवाई नहीं होती।
महासंघ के महामंत्री राजेश भट्ट ने प्रदर्शन के दौरान कहा –
“एटीएस सेंटर पर गाड़ियों को जानबूझकर रोका जाता है। चालकों से मोटी रकम मांगी जाती है और जब तक अवैध शुल्क न दो, तब तक फिटनेस पास नहीं होती। यह साफ लूट है, जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
धरने की झलक – नारों से गूंजा एआरटीओ परिसर
धरने के दौरान एआरटीओ कार्यालय का माहौल युद्धस्थल जैसा नजर आया। हाथों में तख्तियां और बैनर थामे चालकों ने नारेबाजी से माहौल गरमा दिया।
- “एटीएस सेंटर बंद करो – बंद करो”
- “भ्रष्टाचार की दुकान नहीं चलेगी – नहीं चलेगी”
- “फिटनेस अब आरटीओ से – दलालों से मुक्ति दो”
चारों ओर से गूंजते इन नारों ने अधिकारियों को भी सकते में डाल दिया। एआरटीओ कार्यालय के बाहर सड़क पर बैठकर चालकों ने धरना दिया और कहा कि अब यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
धरने में शामिल चालकों के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था। कई चालकों ने अपनी गाड़ियों पर “एटीएस सेंटर बंद करो” लिखे पोस्टर लगाए और विरोध जताया।
महासंघ ने दी चेतावनी – “कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र होगा”
प्रदेश उपाध्यक्ष विजय वर्धन दंडीयाल ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि प्रशासन ने तुरंत एटीएस सेंटर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की और या हो सके तो गाड़ियों की फिटनेस प्रक्रिया एआरटीओ कार्यालय में ही शिफ्ट हो की, तो महासंघ उग्र आंदोलन करेगा।
उन्होंने कहा –
“ऑटो चालक दिन-रात मेहनत करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। लेकिन जब गाड़ियों की फिटनेस कराने जाते हैं तो सेंटर पर दलाल और कर्मचारी मिलकर उनसे लूट करते हैं।
यदि यह अत्याचार बंद नहीं हुआ तो हम एआरटीओ कार्यालय से लेकर सचिवालय तक आंदोलन करेंगे।”“यदि एटीएस सेंटर में हमारे आटो चालकों का उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो हम सड़क से लेकर सचिवालय तक आंदोलन करेंगे। “सेंटर पर चालकों से मोटी रकम वसूली जाती है, अवैध शुल्क न देने पर फिटनेस पास नहीं की जाती।
प्रशासन की सफाई – “शिकायतों की जांच हो गई जारी”
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन भी हरकत में आया। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी निखिल शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वाहन चालकों द्वारा उठाई गई शिकायतें गंभीर हैं और इनकी जांच कराई जा रही है। यदि जांच में आरोप सही पाए गए तो एटीएस सेंटर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी वाहन चालक को अनावश्यक परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
निखिल शर्मा एआरटीओ हरिद्वार ने कहा –
“शिकायतों की जांच हो रही है। यदि आरोप सही पाए गए तो कठोर कार्रवाई होगी, चालकों को अनावश्यक परेशान नहीं होने दिया जाएगा।” “एआरटीओ कार्यालय का उद्देश्य वाहन चालकों को सुविधा देना है, न कि उन्हें अनावश्यक उत्पीड़न झेलने पर मजबूर करना। शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिन्हें गंभीरता से लिया जा रहा है।”
आम चालकों की पीड़ा – “रोजगार छिनने की नौबत”
प्रदर्शन में शामिल कई चालकों ने आक्रोशित होकर बताया कि एटीएस सेंटर की मनमानी के चलते उनकी रोजी-रोटी तक पर असर पड़ रहा है।
- एक चालक ने कहा – “फिटनेस पास कराने में ही हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं। अगर न दो तो गाड़ी खड़ी कर दी जाती है। ऐसे में परिवार कैसे पालें?”
- दूसरे चालक ने गुस्से में कहा – “हर बार बहाने से गाड़ी रोकते हैं, बोलते हैं यह कमी है, वह कमी है। लेकिन अगर पैसे दे दो तो तुरंत फिटनेस पास हो जाती है। यह तो खुला भ्रष्टाचार है।”
सरकार और प्रशासन पर सवाल
इस पूरे मामले ने सरकार और परिवहन विभाग पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर किसके संरक्षण में यह एटीएस सेंटर मनमानी कर रहा है? चालकों का कहना है कि अगर प्रशासन चाहे तो 24 घंटे में यह सेंटर बंद हो सकता है, लेकिन सवाल यह है कि कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या अधिकारियों की मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है?
“अब और नहीं चलेगी मनमानी”
हरिद्वार में ऑटो रिक्शा और विक्रम चालकों का यह विरोध प्रदर्शन एक चेतावनी है। यह केवल एक सेंटर को बंद कराने की लड़ाई नहीं, बल्कि उस व्यवस्था के खिलाफ आवाज है जो आम लोगों से जबरन पैसा वसूलने पर टिकी हुई है।
महासंघ ने साफ कह दिया है कि अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन सड़क से संसद तक पहुंचेगा। दूसरी ओर प्रशासन जांच का हवाला देकर समय खरीद रहा है। लेकिन सवाल यही है कि जब पीड़ा साफ दिख रही है तो समाधान में देरी क्यों?
हरिद्वार की सड़कों पर गूंजे इन नारों ने यह साफ कर दिया है कि अब एटीएस सेंटर की मनमानी और चालकों का उत्पीड़न ज्यादा दिन नहीं चलेगा।
“यदि एटीएस सेंटर में हमारे आटो चालकों का उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो हम सड़क से लेकर सचिवालय तक आंदोलन करेंगे।