ग्राम प्रधान पद का उपचुनाव स्थगित: उम्मीदवारों को झटका, फर्जी दस्तावेजों पर हुई कार्रवाई पर हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश, भगवानपुर ब्लॉक की लाम ग्रांट पंचायत में चुनावी सरगर्मियों को लगा ब्रेक, फर्जी दस्तावेजों से बर्खास्तगी और फिर कोर्ट की रोक, उम्मीदवारो की तैयारियों पर पानी फिरा

इन्तजार रजा हरिद्वार- ग्राम प्रधान पद का उपचुनाव स्थगित: उम्मीदवारों को झटका,
फर्जी दस्तावेजों पर हुई कार्रवाई पर हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश,
भगवानपुर ब्लॉक की लाम ग्रांट पंचायत में चुनावी सरगर्मियों को लगा ब्रेक, फर्जी दस्तावेजों से बर्खास्तगी और फिर कोर्ट की रोक, उम्मीदवारो की तैयारियों पर पानी फिरा
हरिद्वार ज़िले के भगवानपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत लाम ग्रांट में होने वाला ग्राम प्रधान पद का उपचुनाव अब अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। यह चुनाव 29 मई को होना तय था, जिसकी तैयारियां जोरों पर थीं। लेकिन उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक अंतरिम आदेश ने प्रशासन को चुनाव टालने पर मजबूर कर दिया। इससे चुनावी मैदान में कूदने की तैयारी कर रहे प्रत्याशियों को बड़ा झटका लगा है।
फर्जी दस्तावेजों से बर्खास्तगी और फिर कोर्ट की रोक
इस पूरे मामले की जड़ में ग्राम प्रधान परमजीत कौर के खिलाफ उठे फर्जीवाड़े के आरोप हैं। आरोप था कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रधान पद हासिल किया, जिसके चलते जिला प्रशासन ने उन्हें पद से हटा दिया था। कार्यालय आदेश संख्या 51, दिनांक 11 अप्रैल 2025 के तहत यह कार्रवाई की गई थी।
इसके बाद चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव की तिथि 29 मई घोषित की गई। लेकिन परमजीत कौर ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल में रिट याचिका संख्या 1148/2025 दायर की, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई को चुनौती दी। कोर्ट ने 23 मई 2025 को पारित अपने अंतरिम आदेश में जिला प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी, जिससे नतीजतन पूरे उपचुनाव कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा।
उम्मीदवारो की तैयारियों पर पानी फिरा
चुनाव की घोषणा के साथ ही गांव में चुनावी सरगर्मी चरम पर थी। कई दावेदार अपनी जमीन तैयार कर चुके थे, प्रचार अभियान शुरू हो चुका था और गांव की गलियों में पोस्टर, पंपलेट और व्यक्तिगत संपर्कों का सिलसिला चल रहा था। लेकिन कोर्ट के आदेश ने इन तैयारियों पर ठंडा पानी फेर दिया है।
ग्रामीणों में भी इस स्थगन आदेश को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कुछ लोग इसे न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा मानते हैं, जबकि कई लोग अस्थिरता और विकास कार्यों में रुकावट का कारण बता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव टलने से ग्राम पंचायत के कार्य बाधित होंगे और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी आएगी।
प्रशासन की ओर से स्पष्ट निर्देश
हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि, “उच्च न्यायालय के आदेशानुसार ग्राम लाम ग्रांट में 29 मई को प्रस्तावित उपचुनाव को अग्रिम आदेश तक स्थगित किया गया है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक कोर्ट से आगे कोई आदेश नहीं आता, तब तक इस निर्वाचन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
कार्यालय की सूचना संख्या 141, दिनांक 15 मई 2025 के जरिए विकास खंड भगवानपुर के ग्राम लाम ग्रांट में प्रधान पद के उपचुनाव को स्थगित करने की सूचना भी जारी कर दी गई है। अब सभी की निगाहें कोर्ट के अगले निर्णय पर टिकी हुई हैं।
ग्राम लाम ग्रांट में उपचुनाव की स्थगन से जहां उम्मीदवारों को निराशा हाथ लगी है, वहीं यह प्रकरण ग्राम पंचायत चुनावों में पारदर्शिता और वैधानिकता की अहमियत को भी रेखांकित करता है। अब देखना यह होगा कि अदालत के अंतिम निर्णय के बाद क्या स्थिति बनती है और ग्राम पंचायत को नया प्रधान कब तक मिल पाता है।