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गढमीरपुर-तेलीवाला मार्ग पर पेंचवर्क शुरू,, मोहर्रम-जुलूस से पहले स्थानीयो को राहत की बुनियाद,, नदीम अली जिला पंचायत सदस्य गढ के प्रस्ताव और प्रयासों से टूटी चुप्पी,, एक सफेदपोश पैराशूट नेता बना तमाशबीन स्थानीय लोगों ने क्या कहा आप भी सुनिए 

इन्तजार रजा हरिद्वार- गढमीरपुर-तेलीवाला मार्ग पर पेंचवर्क शुरू,, मोहर्रम-जुलूस से पहले स्थानीयो को राहत की बुनियाद,,

नदीम अली जिला पंचायत सदस्य गढ के प्रस्ताव और प्रयासों से टूटी चुप्पी,, एक सफेदपोश पैराशूट नेता बना तमाशबीन

स्थानीय लोगों ने क्या कहा आप भी सुनिए

गढमीरपुर/हरिद्वार
हरिद्वार जिले के ग्रामीण क्षेत्र गढमीरपुर और तेलीवाला के बीच की सड़क सालों से बदहाली की प्रतीक बनी रही। बारिश हो या धूप, इस सड़क पर सिर्फ दलदल, कीचड़ और गड्ढों का ही बोलबाला रहा। न तो प्रशासन ने सुध ली और न ही ज्यादातर सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों ने इसकी हालत सुधारने की जहमत उठाई थी। लेकिन अब, मोहर्रम जैसे बड़े धार्मिक आयोजन से पहले, इस मार्ग पर पेंचवर्क कार्य की शुरुआत हुई है। यह काम जिला पंचायत सदस्य नदीम अली और विधायक रवि बहादुर की सक्रियता और जमीनी प्रयासों के चलते संभव हो सका।

मोहर्रम जुलूस की तैयारी बनी पेंचवर्क मरम्मत की वजह, नदीम अली जिला पंचायत सदस्य गढ हरिद्वार ने निभाई अहम नेतृत्व की भूमिका

गढमीरपुर क्षेत्र के लिए मोहर्रम का पर्व महज एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि गंगा-जमनी तहज़ीब की पहचान है। हर साल इस क्षेत्र से होकर हजारों की संख्या में अकीदतमंद ‘जुलूस-ए-हुसैनी’ में शरीक होते हैं। इस बार भी यह आयोजन क्षेत्रीय गौरव बनने जा रहा था लेकिन टूटी हुई सड़क, दलदल और गड्ढों ने इसकी राह में अड़चनें खड़ी कर दीं।

ऐसे में जब अधिकांश स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि मौन साधे बैठे रहे, उस समय जिला पंचायत सदस्य नदीम अली ने मोर्चा संभाला। उन्होंने न सिर्फ जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा, बल्कि लगातार एसडीएम, पीडब्ल्यूडी और पंचायत अधिकारियों के संपर्क में रहकर इस कार्य को अमलीजामा पहनाया। नदीम अली ने बताया,

“मैंने इसे सिर्फ एक सड़क की समस्या नहीं, बल्कि क्षेत्र की अस्मिता का प्रश्न समझा। मोहर्रम के पहले सड़क को सुधरवाना मेरी प्राथमिकता थी और मैं तब तक नहीं रुकूंगा जब तक यह मार्ग पूरी तरह से पुनर्निर्मित नहीं हो जाता।”

शिक्षा से श्रद्धा तक की राह खुली, स्कूली छात्रों और बुजुर्गों को मिली राहत

यह मार्ग न केवल धार्मिक आयोजनों का केंद्र है, बल्कि इस पर कई स्कूल, कॉलेज और चिकित्सा केंद्र भी स्थित हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर इंटर कॉलेज, स्थानीय प्राइमरी स्कूल और एक निजी कोचिंग सेंटर के छात्र इसी मार्ग से आते-जाते हैं। पहले कीचड़ और गड्ढों के कारण अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डरते थे। कई छात्र चोटिल भी हुए।

अब जब पेंचवर्क शुरू हो गया है, तो लोगों ने राहत की सांस ली है। स्थानीय छात्रा ने बताया,

“पहले स्कूल जाते समय जूते तक गीले हो जाते थे। कई बार गिरने से घुटनों में चोट भी लगी। अब थोड़ी राहत मिली है।”

बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए यह मार्ग और भी अहम है। पहले कीचड़ से फिसलने का डर हमेशा बना रहता था। पेंचवर्क के बाद अब मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में कम कठिनाई होगी।

ग्रामीणों ने जताया आभार, मांगा स्थायी समाधान

गांव गढमीरपुर, तेलीवाला, पुरनपुर साल्हापुर, बंजारावाला और मोहम्मदपुर के ग्रामीणों ने नदीम अली के प्रयासों की सराहना की है। ग्रामीणों ने कहा कि जब सब खामोश थे, हमारे जिला पंचायत सदस्य नदीम अली ही आगे आए।

अर्जुन सिंह कर्णवाल स्थानीय निवासी  ने कहा:

 

पैराशूट सफेदपोश नेताओं पर जनता का फूटा गुस्सा

जब सड़क दलदल बनी थी, तब कुछ लोग सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए आकर खड़े हो गए। खुद को नेता बताने वाले ये पैराशूट सफेदपोश लोगों के गुस्से का केंद्र बन गए हैं। न उन्होंने कोई ज्ञापन दिया, न अधिकारियों से संपर्क किया। सिर्फ कैमरे में मुस्कराकर ‘फील गुड’ की राजनीति करते रहे।

विधायक रवि बहादुर की भूमिका को मिला सम्मान, लेकिन ‘फील्ड में दिखे’ सिर्फ नदीम अली

जहां विधायक रवि बहादुर के प्रति कुछ ग्रामीणों ने संतुलित टिप्पणी की है, वहीं स्पष्ट किया कि इस पूरे घटनाक्रम में मौजूदगी, भाग-दौड़ और ज़मीनी सक्रियता सिर्फ नदीम अली की रही। विधायक ने जिला स्तर पर समर्थन जरूर दिया, लेकिन फील्ड पर नदीम अली ने ही प्रशासनिक तंत्र को क्रियाशील बनाया।

मीडिया की भूमिका निर्णायक, ‘डेली लाइव उत्तराखंड’ की खबरों से टूटी चुप्पी

इस सड़क की दुर्दशा को लेकर ‘डेली लाइव उत्तराखंड’ लगातार रिपोर्टिंग कर रहा था। दलदल, गड्ढे, दुर्घटनाएं और जनआंदोलनों की खबरों ने सोशल मीडिया और प्रशासनिक गलियारों में हलचल पैदा की।

कांग्रेस कार्यकर्ता महरूफ सलमानी ने कहा:

असली परीक्षा अभी बाकी, क्पुया जल्द होगा पुनर्निर्माण

पेंचवर्क कार्य की शुरुआत भले ही राहत का संकेत हो, लेकिन जनता का भरोसा पुनर्निर्माण में है। ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि मोहर्रम के बाद इस सड़क पर स्थायी बजट, टेंडर और निर्माण कार्य होना चाहिए 

नदीम अली का वादा: “री-स्ट्रक्चरिंग बजट पास कराकर रहूंगा”

नदीम अली ने ‘डेली लाइव उत्तराखंड’ से बातचीत में जोर देकर कहा कि उनकी अगली लड़ाई इस सड़क के स्थायी पुनर्निर्माण को लेकर है। उन्होंने कहा,

“सिर्फ पेंचवर्क के लिए नहीं, बल्कि पूरी सड़क के रीडिज़ाइन और बजट पास के लिए प्रस्ताव भेजा जायेगा मेरी आखिरी सांस तक लड़ाई जारी रहेगी, ये जनता का अधिकार है।”

 पेंचवर्क राहत है, लेकिन पुनर्निर्माण ही समाधान

गढमीरपुर-तेलीवाला मार्ग पर पेंचवर्क की शुरुआत एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन यह अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत है। सड़क की स्थायी मरम्मत ही क्षेत्र के श्रद्धालुओं, छात्रों, बुजुर्गों और आम नागरिकों के लिए सच्चा समाधान होगा।

जनता अब नेताओं के पोस्टरों से नहीं, उनकी मौजूदगी और काम से पहचान करती है। और इस मामले में नदीम अली ने यह भरोसा जीत लिया है। पैराशूट नेताओं के खोखले दावों के बीच एक जमीन से जुड़ा प्रतिनिधि जब सड़कों पर उतरता है, तो बदलाव की राह बनती है।


रिपोर्टर: इन्तजार रजा
संवाददाता: डेली लाइव उत्तराखंड, हरिद्वार

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