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राज्य हित में ऐतिहासिक फैसले समग्र विकास की दिशा में कैबिनेट की बड़ी पहल शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अधोसंरचना पर फोकस देहरादून, 10 जुलाई 2025 — राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में आज जनता की अपेक्षाओं, समावेशी विकास और शासन की पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लिए गए निर्णयों को राज्य के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से मील का पत्थर माना जा रहा है। ये फैसले न केवल आर्थिक सुधार को बल देंगे, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार में भी निर्णायक साबित होंगे। शिक्षा और युवाओं के लिए नई उम्मीद राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने कई फैसले लिए। सबसे अहम निर्णय 100 सरकारी इंटर कॉलेजों में स्मार्ट क्लास रूम स्थापित करने का है, जिससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्र भी डिजिटल लर्निंग से जुड़ सकेंगे। इसके अलावा, 500 से अधिक प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में आधारभूत ढांचे के सुधार के लिए विशेष बजट आवंटन किया गया है। पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए भी एक बड़ा ऐलान हुआ — राज्य के हर जिले में ‘मुख्यमंत्री युवा प्रतियोगी सहायता केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे, जहां निःशुल्क कोचिंग, लाइब्रेरी और इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर भी सरकार की मंशा साफ रही। कैबिनेट ने तय किया कि राज्य के 10 जिला अस्पतालों को आधुनिक बनाने के लिए ₹350 करोड़ का विशेष पैकेज मंजूर किया गया है। इसमें नए ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू यूनिट, डिजिटल एक्स-रे मशीन, और रक्त जांच प्रयोगशाला शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पहाड़ी क्षेत्रों में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से ‘मोबाइल हेल्थ वैन’ योजना को भी विस्तार दिया गया है। इस योजना के तहत अब 20 नए मोबाइल वैन पहाड़ी और दूरदराज के ब्लॉकों में तैनात किए जाएंगे, जिनमें महिला चिकित्सक, स्वास्थ्य परीक्षण उपकरण और निःशुल्क दवाएं उपलब्ध होंगी। अधोसंरचना और रोजगार पर फोकस सड़क, बिजली और जल जैसी बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी सरकार ने साहसिक कदम उठाए हैं। बैठक में फैसला लिया गया कि अगले 6 महीनों में राज्य के 300 गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यटन को गति मिलेगी। इसके अलावा, 40 नए विद्युत उपकेंद्र स्थापित करने और 20 पुराने उपकेंद्रों को अपग्रेड करने की मंजूरी दी गई है। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ‘एक जनपद–एक उत्पाद’ (ODOP) योजना को नई गति दी जाएगी। प्रत्येक जिले में स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए 25 करोड़ रुपये की लागत से प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इससे हज़ारों युवाओं को स्वरोजगार और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। पर्यावरण और आपदा प्रबंधन उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य के लिए पर्यावरण संतुलन और आपदा प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कैबिनेट में ‘हरित उत्तराखंड मिशन’ को मंजूरी दी, जिसके अंतर्गत 5 वर्षों में 5 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, आपदा संभावित क्षेत्रों में अर्ली वॉर्निंग सिस्टम स्थापित करने के लिए ₹120 करोड़ का प्रस्ताव पास किया गया। इस योजना के अंतर्गत भूस्खलन, अतिवृष्टि और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में समय रहते चेतावनी देकर जान-माल की हानि को रोका जा सकेगा। प्रशासनिक सुधार और पारदर्शिता सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता लाने के लिए भी अहम फैसले लिए गए। अब राज्य के सभी विभागों को 6 महीने के भीतर ई-ऑफिस सिस्टम पर शिफ्ट करना होगा। इससे न केवल कामकाज में पारदर्शिता आएगी बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। इसके अलावा, जन संवाद पोर्टल 2.0 लॉन्च करने की मंजूरी दी गई है, जिसमें नागरिक सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे और ट्रैक भी कर सकेंगे। इससे शासन और जनता के बीच संवाद को नई गति मिलेगी। — निष्कर्षतः, आज की कैबिनेट बैठक राज्य के चहुंमुखी विकास की दृष्टि से अत्यंत निर्णायक मानी जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ योजनाओं की घोषणा नहीं, बल्कि ज़मीन पर उनके प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है। शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना और युवाओं के भविष्य को केंद्र में रखते हुए जो निर्णय लिए गए हैं, वे निश्चित ही उत्तराखंड को एक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य की दिशा में आगे ले जाएंगे। #CabinetDecisions #UttarakhandDevelopment #जनहित #GoodGovernance — यदि आप चाहें तो मैं इस लेख को और विस्तारित करके 1500-2000 शब्दों में भी तैयार कर सकता हूँ जिसमें सभी विभागवार फैसलों का विश्लेषण हो।

इन्तजार रजा हरिद्वार- राज्य हित में ऐतिहासिक फैसले
समग्र विकास की दिशा में धामी कैबिनेट की बड़ी पहल,,
शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अधोसंरचना पर फोकस

देहरादून, 10 जुलाई 2025 —
राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में आज जनता की अपेक्षाओं, समावेशी विकास और शासन की पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लिए गए निर्णयों को राज्य के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से मील का पत्थर माना जा रहा है। ये फैसले न केवल आर्थिक सुधार को बल देंगे, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार में भी निर्णायक साबित होंगे।

शिक्षा और युवाओं के लिए नई उम्मीद

राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने कई फैसले लिए। सबसे अहम निर्णय 100 सरकारी इंटर कॉलेजों में स्मार्ट क्लास रूम स्थापित करने का है, जिससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्र भी डिजिटल लर्निंग से जुड़ सकेंगे। इसके अलावा, 500 से अधिक प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में आधारभूत ढांचे के सुधार के लिए विशेष बजट आवंटन किया गया है।

पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए भी एक बड़ा ऐलान हुआ — राज्य के हर जिले में ‘मुख्यमंत्री युवा प्रतियोगी सहायता केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे, जहां निःशुल्क कोचिंग, लाइब्रेरी और इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा

स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर भी सरकार की मंशा साफ रही। कैबिनेट ने तय किया कि राज्य के 10 जिला अस्पतालों को आधुनिक बनाने के लिए ₹350 करोड़ का विशेष पैकेज मंजूर किया गया है। इसमें नए ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू यूनिट, डिजिटल एक्स-रे मशीन, और रक्त जांच प्रयोगशाला शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, पहाड़ी क्षेत्रों में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से ‘मोबाइल हेल्थ वैन’ योजना को भी विस्तार दिया गया है। इस योजना के तहत अब 20 नए मोबाइल वैन पहाड़ी और दूरदराज के ब्लॉकों में तैनात किए जाएंगे, जिनमें महिला चिकित्सक, स्वास्थ्य परीक्षण उपकरण और निःशुल्क दवाएं उपलब्ध होंगी।

अधोसंरचना और रोजगार पर फोकस

सड़क, बिजली और जल जैसी बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी सरकार ने साहसिक कदम उठाए हैं। बैठक में फैसला लिया गया कि अगले 6 महीनों में राज्य के 300 गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यटन को गति मिलेगी। इसके अलावा, 40 नए विद्युत उपकेंद्र स्थापित करने और 20 पुराने उपकेंद्रों को अपग्रेड करने की मंजूरी दी गई है।

रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ‘एक जनपद–एक उत्पाद’ (ODOP) योजना को नई गति दी जाएगी। प्रत्येक जिले में स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए 25 करोड़ रुपये की लागत से प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इससे हज़ारों युवाओं को स्वरोजगार और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

पर्यावरण और आपदा प्रबंधन

उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य के लिए पर्यावरण संतुलन और आपदा प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कैबिनेट में ‘हरित उत्तराखंड मिशन’ को मंजूरी दी, जिसके अंतर्गत 5 वर्षों में 5 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, आपदा संभावित क्षेत्रों में अर्ली वॉर्निंग सिस्टम स्थापित करने के लिए ₹120 करोड़ का प्रस्ताव पास किया गया।

इस योजना के अंतर्गत भूस्खलन, अतिवृष्टि और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में समय रहते चेतावनी देकर जान-माल की हानि को रोका जा सकेगा।

प्रशासनिक सुधार और पारदर्शिता

सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता लाने के लिए भी अहम फैसले लिए गए। अब राज्य के सभी विभागों को 6 महीने के भीतर ई-ऑफिस सिस्टम पर शिफ्ट करना होगा। इससे न केवल कामकाज में पारदर्शिता आएगी बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।

इसके अलावा, जन संवाद पोर्टल 2.0 लॉन्च करने की मंजूरी दी गई है, जिसमें नागरिक सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे और ट्रैक भी कर सकेंगे। इससे शासन और जनता के बीच संवाद को नई गति मिलेगी।

आज की कैबिनेट बैठक राज्य के चहुंमुखी विकास की दृष्टि से अत्यंत निर्णायक मानी जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ योजनाओं की घोषणा नहीं, बल्कि ज़मीन पर उनके प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है। शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना और युवाओं के भविष्य को केंद्र में रखते हुए जो निर्णय लिए गए हैं, वे निश्चित ही उत्तराखंड को एक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य की दिशा में आगे ले जाएंगे।

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