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बरसात में भी कांवड़ सेवा में जुटा प्रशासन,, डीएम-एसएसपी के नेतृत्व में चाक-चौबंद व्यवस्थाएं,, कांवड़ मेला खत्म होते ही चलेगा 3 दिवसीय सफाई अभियान

इन्तजार रजा हरिद्वार- बरसात में भी कांवड़ सेवा में जुटा प्रशासन,,
डीएम-एसएसपी के नेतृत्व में चाक-चौबंद व्यवस्थाएं,,
कांवड़ मेला खत्म होते ही चलेगा 3 दिवसीय सफाई अभियान

हरिद्वार, 21 जुलाई 2025।
कांवड़ यात्रा-2025 को व्यवस्थित, सुरक्षित और श्रद्धालुओं के लिए सुखद अनुभव बनाने की दिशा में जिला प्रशासन पूरी तत्परता और समर्पण के साथ कार्य कर रहा है। लगातार हो रही बारिश के बावजूद पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य, विद्युत, नगर निगम, सफाई कर्मी, ट्रैफिक पुलिस, आपदा प्रबंधन और अन्य सहयोगी विभागों की टीमें दिन-रात मोर्चा संभाले हुए हैं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल स्वयं विभिन्न व्यवस्थाओं की सतत निगरानी कर रहे हैं और स्थल पर पहुंचकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।

बरसात में भी नहीं रुकी सेवाएं, विद्युत सुरक्षा पर विशेष निगरानी

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने प्रेस वार्ता में कहा कि “कांवड़ यात्रा के दौरान हम श्रद्धालुओं को सुरक्षित, व्यवस्थित और स्मरणीय अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बरसात की परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं लेकिन हमारी टीमें बिना रुके सेवा में जुटी हैं।”

डीएम ने बताया कि बरसात के कारण विद्युत दुर्घटनाओं की आशंका को देखते हुए विद्युत विभाग को विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। UPCL की फील्ड टीमें हर स्थान पर सक्रिय हैं, जो गीले खंभों, खुले तारों व ट्रांसफॉर्मर आदि पर निगरानी बनाए हुए हैं ताकि किसी भी दुर्घटना की संभावना को समय रहते समाप्त किया जा सके।

मौसम विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों में भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए सभी घाटों पर एनाउंसमेंट के माध्यम से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। शिव भक्तों से अपील की गई है कि वे केवल चिन्हित घाटों पर ही स्नान करें और नदी में गहरे तक जाने से बचें।

यात्रा के बाद सफाई व्यवस्था का रोडमैप तैयार

जिलाधिकारी ने बताया कि “कांवड़ यात्रा समाप्त होते ही दिनांक 23 जुलाई से तीन दिवसीय विशेष स्वच्छता अभियान शुरू किया जाएगा जो 26 जुलाई तक चलेगा।”

इस अभियान के तहत कांवड़ मार्ग, नहर पटरी, पार्किंग स्थल, हर की पैड़ी, कांवड़ बाजार, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, प्रमुख चौराहे और शिविर क्षेत्रों में फैले कूड़े-कचरे का पूर्ण सफाया किया जाएगा। इसके लिए सभी जोनल मजिस्ट्रेटों को निर्देशित कर दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में नगर निकायों, जिला पंचायत, एनएचएआई, वन विभाग व संबंधित एजेंसियों से समन्वय बनाकर सफाई कार्य संपन्न कराएं।

डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित ने कहा कि –

“हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा प्रेमनगर आश्रम चौराहे से शंकराचार्य चौक तक सफाई की जिम्मेदारी ली गई है, वहीं राष्ट्रीय राजमार्गों की सफाई एनएचएआई करेगी।”

नगर निगम व नगर पालिकाएं शहरी क्षेत्रों में पर्याप्त सफाई कर्मचारियों व उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत, बीडीओ और पंचायत विभाग सफाई व्यवस्था संभालेंगे। वन क्षेत्र की सफाई की जिम्मेदारी उप वन संरक्षक हरिद्वार वन प्रभाग को दी गई है।

प्रशासनिक समन्वय और यातायात नियंत्रण की सराहनीय व्यवस्था

डीएम ने बताया कि कांवड़ यात्रा के सफल संचालन के लिए विभिन्न राज्यों की सरकारों, रेलवे, रोडवेज और अन्य एजेंसियों से सतत समन्वय बना हुआ है। इसके चलते श्रद्धालुओं की संख्या और मूवमेंट की समय पर जानकारी मिल रही है, जिससे प्रबंधन और बेहतर हो पाया है।

उन्होंने बताया कि शहर के प्रमुख प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग और ट्रैफिक कंट्रोल प्वाइंट बनाए गए हैं, जिससे आम नागरिकों को यात्रा से किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो रही है। जाम की स्थिति नियंत्रण में है, और हाईवे पर यातायात सामान्य गति से चल रहा है।

डाक कांवड़ियों की भारी आमद के बीच भी पुलिस बल की सूझबूझ व प्रबंधन क्षमता ने शहर को व्यवस्थित रखा है। यातायात नियंत्रण, पार्किंग व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा, पेयजल, विद्युत, शौचालय, साफ-सफाई जैसी सेवाओं के संचालन के लिए 200 से अधिक सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट तैनात हैं।

एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने कहा:

“हरिद्वार पुलिस ने ट्रैफिक, कानून व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए चौबीसों घंटे काम किया है। अधिकारी और जवान पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं।”


श्रद्धालुओं से विशेष अपील: सावधानी ही सुरक्षा है

जिलाधिकारी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि –

  • बारिश के कारण किसी भी विद्युत पोल, खुले तार या ट्रांसफार्मर के संपर्क में न आएं।
  • किसी भी संदिग्ध वस्तु को हाथ न लगाएं, बल्कि तुरंत पुलिस या प्रशासन को सूचित करें।
  • निर्धारित स्नान घाटों पर ही स्नान करें और जलस्तर बढ़ने की स्थिति में सतर्क रहें।
  • प्रशासन द्वारा किए गए एनाउंसमेंट और दिशा-निर्देशों का पालन करें।

उन्होंने कहा कि प्रशासन का हर प्रयास इस दिशा में है कि श्रद्धालु सुरक्षित रहें, यात्रा सफल हो और देवभूमि से उनकी सुखद स्मृतियां जुड़ें।

सेवा, समर्पण और सजगता का त्रिवेणी संगम

कांवड़ मेला-2025 का यह आयोजन उत्तराखंड प्रशासन की कुशल योजना, ठोस प्रबंधन और जिम्मेदार कार्यशैली का प्रमाण बन चुका है।
बरसात के बीच भी बिना रुके सेवाएं देना, लाखों श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराना और आयोजन के बाद सफाई के लिए पूरी कार्य योजना तैयार रखना, यह बताता है कि उत्तराखंड प्रशासन श्रद्धालुओं की आस्था के साथ अपनी ज़िम्मेदारी भी पूरी ईमानदारी से निभा रहा है।

Daily Live Uttarakhand कांवड़ मेला से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबर आपके लिए सबसे पहले लाता रहेगा।

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