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नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर हरिद्वार प्रशासन की सख्ती,, 30 से अधिक स्टोन क्रशर सील, तीन दिन में पूरी होगी कार्रवाई: कोर्ट में पेश होगी रिपोर्ट::-डीएम मयूर दीक्षित

इन्तजार रजा हरिद्वार- नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर हरिद्वार प्रशासन की सख्ती,,
30 से अधिक स्टोन क्रशर सील, तीन दिन में पूरी होगी कार्रवाई: कोर्ट में पेश होगी रिपोर्ट::-डीएम मयूर दीक्षित

हरिद्वार जनपद में स्टोन क्रशरों के खिलाफ जिला प्रशासन का डंडा अब पूरी तरह चल चुका है। नैनीताल हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के अनुपालन में प्रशासन ने एक के बाद एक स्टोन क्रशरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेशानुसार जनपद के कुल 48 स्टोन क्रशरों को बंद किया जाना है, जिसमें से अब तक 30 से अधिक क्रशर सील किए जा चुके हैं।

एडीएम के नेतृत्व में प्रशासन की टीमें दिन-रात एक कर कार्रवाई को अंजाम दे रही हैं। टीम मौके पर पहुंचकर स्टोन क्रशरों की मशीनों और मुख्य गेट को सील कर रही है, साथ ही बिजली के कनेक्शन भी काटे जा रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की गतिविधि जारी न रह सके। प्रशासन की इस तेज कार्रवाई से स्टोन क्रशर संचालकों में हड़कंप मच गया है।

हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई तीन दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी और पूरी रिपोर्ट नैनीताल हाईकोर्ट को भेजी जाएगी। डीएम ने यह भी कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई होगी।

इस पूरे प्रकरण की जड़ मातृ सदन, हरिद्वार द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका है, जिसमें हरिद्वार में संचालित अवैध स्टोन क्रशरों पर रोक लगाने और पर्यावरण को हो रहे नुकसान को लेकर गंभीर आपत्ति जताई गई थी। याचिका में कहा गया था कि स्टोन क्रशर नियमों की अनदेखी कर नदियों, वनभूमि और आस-पास के गांवों के पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचा रहे हैं।

हाईकोर्ट ने इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए 48 स्टोन क्रशरों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश दिए थे। इसके बाद हरिद्वार जिला प्रशासन पूरी सख्ती के साथ इस पर अमल कर रहा है।

जनता के बीच इस कार्रवाई को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक संस्थाओं ने प्रशासन की कार्रवाई की सराहना की है, वहीं क्रशर संचालक इसे रोजगार पर संकट बताकर विरोध भी कर रहे हैं।

हालांकि प्रशासन का रुख बिल्कुल स्पष्ट है—कानून का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों जैसे लक्सर, भगवानपुर, खानपुर और बहादराबाद में सबसे ज्यादा स्टोन क्रशर संचालित हैं, जहां ये कार्रवाई तेज गति से जारी है।

इस मामले में अब सबकी निगाहें तीन दिन बाद कोर्ट में पेश की जाने वाली रिपोर्ट पर टिकी हैं। अगर कोर्ट आदेश के पालन में कोई कोताही पाता है, तो जिला प्रशासन को और सख्ती दिखानी पड़ सकती है।

हरिद्वार में पर्यावरण की रक्षा के लिए उठाया गया यह कदम आने वाले समय में राज्य के अन्य जनपदों में भी उदाहरण बन सकता है।

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