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गैरसैंण विधानसभा भवन के अंदर बिस्तर लगाकर धरने पर डटे विपक्ष और निर्दलीय विधायक,, विपक्ष ने सदन को बनाया धरना स्थल, पुत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री के फोन कॉल से भी नहीं माने (कथन की पुष्टि नहीं),, कांग्रेस विधायकों की तीन माँगें बरकरार, सदन के अन्दर धरने का नया वीडियो जारी करने की तैयारी

इन्तजार रजा हरिद्वार- गैरसैंण विधानसभा भवन के अंदर बिस्तर लगाकर धरने पर डटे विपक्ष और निर्दलीय विधायक,,

विपक्ष ने सदन को बनाया धरना स्थल, पुत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री के फोन कॉल से भी नहीं माने (कथन की पुष्टि नहीं),,

कांग्रेस विधायकों की तीन माँगें बरकरार, सदन के अन्दर धरने का नया वीडियो जारी करने की तैयारी

गैरसैंण (भराड़ीसैण)। उत्तराखंड की राजनीति में पहली बार ऐसा नज़ारा देखने को मिल रहा है जब विपक्षी विधायक सदन के भीतर ही बिस्तर बिछाकर धरने पर बैठ गए हैं। कांग्रेस के सभी विधायक, निर्दलीय सदस्यों के साथ, विधानसभा भवन के अंदर ही डटे हुए हैं। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने खुद विधानसभा भवन से एक वीडियो जारी कर यह जानकारी साझा की। उनका कहना है कि जब तक उनकी तीन प्रमुख माँगें पूरी नहीं होतीं, तब तक धरना समाप्त नहीं होगा।

विधानसभा में देर रात तक चले घटनाक्रम ने पूरे प्रदेश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। सदन में बिस्तर डालकर डटे विधायकों की यह तस्वीरें और वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। यह प्रदेश की सियासत में एक नया और ऐतिहासिक घटनाक्रम माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने की फोन पर बातचीत, अपील रही बेअसर: सुत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्षी नेताओं से सीधे संपर्क साधा। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह से फोन पर बातचीत कर धरना समाप्त करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि विपक्ष की सभी जायज़ माँगों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। धामी ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं।

लेकिन मुख्यमंत्री की अपील का विपक्षी विधायकों पर कोई असर नहीं हुआ। यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह ने स्पष्ट कहा कि जब तक ठोस कार्रवाई नहीं होती, धरना जारी रहेगा। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने दोहराया कि कांग्रेस विधायक सदन से बाहर नहीं जाएंगे और उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

तीन माँगों पर अड़ा विपक्ष

विपक्षी विधायकों की तीन मुख्य माँगें हैं—

  1. नैनीताल डीएम का तत्काल ट्रांसफर।
  2. संबंधित एसएसपी का सस्पेंशन।
  3. विपक्षी नेताओं पर दर्ज फ़र्ज़ी मुक़दमों की वापसी और दोषियों पर कार्रवाई।

इन माँगों को लेकर कांग्रेस और निर्दलीय विधायक एकजुट होकर सदन के भीतर ही डटे हुए हैं। उनका कहना है कि यह केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और जनहित से जुड़ा प्रश्न है।

सदन को धरना स्थल बनाने का ऐतिहासिक कदम

सदन के भीतर धरना देना उत्तराखंड की राजनीति के इतिहास में पहली बार देखा जा रहा है। आमतौर पर विरोध प्रदर्शन विधानसभा परिसर के बाहर या गांधी प्रतिमा स्थल पर होते रहे हैं, लेकिन विपक्ष ने इस बार सदन के भीतर ही बिस्तर डालकर डेरा डाल दिया है।

विधानसभा भवन के अंदर धरना देने से प्रशासन और सत्तापक्ष की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह कदम प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण और नए प्रकार के विरोध की शुरुआत माना जा रहा है। विपक्ष का दावा है कि उनकी यह लड़ाई जनता की आवाज़ को उठाने के लिए है।

नया वीडियो जारी करने की तैयारी

उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा है कि कांग्रेस विधायक जल्द ही सदन के भीतर से नया वीडियो जारी करेंगे। इसमें वे जनता को अपने संघर्ष और सरकार की कथित नाकामी के बारे में अवगत कराएंगे। सोशल मीडिया पर लगातार वीडियो और तस्वीरें शेयर होने से कांग्रेस का यह आंदोलन राज्यभर में चर्चा का विषय बन गया है।

सत्तापक्ष पर दबाव

सरकार जहां विधानसभा के अंदर चल रहे इस अनोखे धरने से असहज है, वहीं विपक्ष ने इसे अपनी राजनीतिक जीत के रूप में प्रस्तुत करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री धामी के फोन कॉल के बावजूद विपक्ष का न झुकना यह संदेश दे रहा है कि कांग्रेस अपने मुद्दों पर अडिग है।

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यदि यह स्थिति लंबी चली तो प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। जनता की सहानुभूति किस ओर जाएगी और सत्तापक्ष पर इसका क्या असर होगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

कुल मिलाकर, गैरसैंण विधानसभा भवन के भीतर बिस्तर डालकर डटे विपक्षी विधायकों ने प्रदेश की राजनीति में नई इबारत लिख दी है। यह धरना न सिर्फ़ सरकार पर दबाव बना रहा है बल्कि जनता के बीच विपक्ष को सक्रिय और आक्रामक दिखाने में भी सफल हो रहा है। अब देखना होगा कि सरकार किस तरह विपक्ष को मनाती है और विपक्ष अपनी लड़ाई को किस मुकाम तक ले जाता है।

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