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मुख्यमंत्री धामी ने किया ‘प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह’ में प्रतिभाग,, 🟥 आपदा राहत में योगदान देने वाले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आईटीबीपी कर्मियों को किया सम्मानित,, कहा – “आपदाएँ हमारी परीक्षा लेती हैं, पर उत्तराखंड हर बार और मजबूत होकर उभरता है”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून स्थित राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘‘प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह’’ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में राज्य में आई प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस तथा आईटीबीपी के वीर कर्मियों को सम्मानित किया।कार्यक्रम में छात्रों ने नकल विरोधी कानून लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का विशेष स्वागत किया और पारदर्शी परीक्षाओं के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की।

इन्तजार रजा हरिद्वार 🟥 मुख्यमंत्री धामी ने किया ‘प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह’ में प्रतिभाग,,

🟥 आपदा राहत में योगदान देने वाले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आईटीबीपी कर्मियों को किया सम्मानित,,

🟥 कहा – “आपदाएँ हमारी परीक्षा लेती हैं, पर उत्तराखंड हर बार और मजबूत होकर उभरता है”

देहरादून, 4 अक्टूबर 2025।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून स्थित राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘‘प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह’’ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में राज्य में आई प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस तथा आईटीबीपी के वीर कर्मियों को सम्मानित किया।कार्यक्रम में छात्रों ने नकल विरोधी कानून लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का विशेष स्वागत किया और पारदर्शी परीक्षाओं के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह सम्मान उन कर्मियों के प्रति पूरे राज्य की कृतज्ञता का प्रतीक है, जिन्होंने आपदा के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर मानवता की रक्षा की। उन्होंने कहा कि जब हम उत्तराखंड की बात करते हैं तो केवल इसकी सुंदरता या आध्यात्मिकता नहीं, बल्कि भौगोलिक कठिनाइयों और आपदाओं की चुनौती भी सामने आती है। “हिमालय की गोद में बसे इस राज्य में भूस्खलन, अतिवृष्टि और बाढ़ जैसी आपदाएँ हर वर्ष सामने आती हैं। प्रकृति जितनी खूबसूरत है, उतनी ही चुनौतीपूर्ण भी,” उन्होंने कहा।

मुख्यमंत्री ने आपदाओं के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2013 की केदारनाथ त्रासदी, 2021 की चमोली आपदा और 2023 के जोशीमठ धंसाव जैसी घटनाएँ राज्य की स्मृतियों में दर्ज हैं। इस वर्ष भी उत्तरकाशी, चमोली और देहरादून में अतिवृष्टि और भूस्खलन की घटनाओं से व्यापक नुकसान हुआ। “इन परिस्थितियों में सबसे बड़ी चुनौती मानव जीवन की रक्षा करना होती है, और हमारे राहत कर्मियों ने यह जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभाई,” उन्होंने कहा।

धामी ने कहा कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मलबे में फंसे लोगों को निकालने और राहत शिविरों के संचालन में दिन-रात लगे रहीं। उन्होंने सिल्क्यारा टनल बचाव अभियान का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि “पूरा देश उस वक्त उत्तराखंड की ओर देख रहा था, जब हमारे कर्मियों ने 17 मजदूरों को जीवित बाहर निकालकर इतिहास रचा। यह बाबा बौखनाग के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन का परिणाम था।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी वे आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हैं, तो राहतकर्मियों के साहस और समर्पण को देखकर विश्वास होता है कि उत्तराखंड किसी भी संकट का सामना कर सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने राज्य की आपदाओं में त्वरित सहायता दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने देहरादून आकर पीड़ितों से भेंट की और ₹1200 करोड़ की विशेष राहत राशि की घोषणा की, जिससे पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यों को गति मिली।

धामी ने कहा कि “आपदा केवल मकान या सड़कें नहीं तोड़ती, बल्कि लोगों के आत्मविश्वास और भविष्य पर भी असर डालती है। इसलिए हमारी सरकार केवल मुआवज़ा नहीं, बल्कि पुनर्वास और आजीविका पर भी विशेष ध्यान दे रही है।” उन्होंने बताया कि राज्य में एसडीआरएफ को ड्रोन, सैटेलाइट मॉनिटरिंग सिस्टम और अत्याधुनिक रेस्क्यू उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमने डिजास्टर रेजिलिएंट तकनीक को सड़क और पुल निर्माण में अनिवार्य किया है। आपदा मित्र योजना के तहत गांव-गांव में युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि स्थानीय स्तर पर त्वरित राहत संभव हो सके।”

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने अब स्कूलों और कॉलेजों में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को अनिवार्य करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिससे आने वाली पीढ़ी आपदा के खतरों से बेहतर तरीके से निपट सके।मुख्यमंत्री ने कहा कि “उत्तराखंड की ताकत इसका मानवबल है — हमारे सुरक्षा कर्मी, राहतकर्मी, युवा और जनता। जब सब एकजुट होते हैं, तब कोई भी चुनौती हमें परास्त नहीं कर सकती।”

कार्यक्रम में विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश, श्री कृष्ण गिरी महाराज, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन तथा कार्यक्रम संयोजक श्रीमती हनी पाठक सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे। समारोह में आपदा में सराहनीय योगदान देने वाले कर्मियों को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह प्रदान किए गए।

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