हरिद्वार में औषधि निरीक्षकों की नई नियुक्ति से प्रशासन सख्त, मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों पर कसी जा रही है लगाम, बिना पंजीकरण चल रहे अस्पताल पर कार्रवाई, संचालित गतिविधियों पर रोक

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में औषधि निरीक्षकों की नई नियुक्ति से प्रशासन सख्त,
मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों पर कसी जा रही है लगाम,
बिना पंजीकरण चल रहे अस्पताल पर कार्रवाई, संचालित गतिविधियों पर रोक
हरिद्वार/रुड़की – हरिद्वार जनपद में औषधि निरीक्षकों की नई नियुक्ति के बाद स्वास्थ्य और औषधि कारोबार पर प्रशासनिक शिकंजा कसता दिखाई दे रहा है। फार्मा विभाग (एफडीए) की ओर से प्रशिक्षित अधिकारियों को जिले में तैनात कर दिया गया है, जिन्होंने अपने पहले ही निरीक्षण अभियान में कई मेडिकल स्टोर्स और एक निजी अस्पताल पर कार्रवाई कर यह स्पष्ट कर दिया है कि अब लापरवाही और अनियमितता पर कोई समझौता नहीं होगा।
एफडीए के अपर आयुक्त के निर्देशानुसार, हाल ही में देहरादून में आयोजित 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत औषधि निरीक्षक मेघा और हरीश सिंह को हरिद्वार जनपद में तैनात किया गया है। इनमें से औषधि निरीक्षक मेघा ने 1 मई से ही कार्यभार ग्रहण कर लिया है। वर्तमान में वे वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती के साथ मिलकर क्षेत्रीय निरीक्षणों में भाग ले रही हैं ताकि क्षेत्र की भौगोलिक, सामाजिक और व्यवसायिक स्थितियों की गहराई से समझ विकसित की जा सके।
औषधि निरीक्षकों का यह सक्रिय दृष्टिकोण दर्शाता है कि हरिद्वार जनपद में अब फार्मा व्यवसाय को नियंत्रित, पारदर्शी और सुरक्षित रखने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
भगवानपुर में चला औषधि निरीक्षण अभियान
2 मई को हरिद्वार के भगवानपुर क्षेत्र में औषधि निरीक्षकों की टीम ने एक विशेष औषधि निरीक्षण अभियान चलाया। यह अभियान न केवल नियमित जांच का हिस्सा था, बल्कि गर्मियों के मौसम में दवाइयों के उचित भंडारण और फार्मा सुरक्षा मानकों की पुष्टि करने हेतु विशेष रूप से संचालित किया गया था।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कई मेडिकल स्टोर्स में दवाइयों को अत्यधिक गर्मी और सीधी धूप में रखा जा रहा था। अधिकारियों का कहना है कि उच्च तापमान में दवाइयों की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है, जिससे उनका प्रभाव कम हो सकता है या दुष्प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं। यह सीधे मरीजों के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है और इसमें लापरवाही को गंभीर अपराध माना जाएगा।
औषधि निरीक्षक मेघा ने फार्मेसी संचालकों को कड़ी चेतावनी दी कि यदि आगे भी इस प्रकार की भंडारण संबंधी लापरवाही पाई गई, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्हें यह भी निर्देशित किया गया कि रेफ्रिजरेटर, एसी या तापमान नियंत्रण उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि दवाओं की प्रभावशीलता बनी रहे।
मक्खनपुर के निजी अस्पताल पर एफडीए का छापा
औषधि निरीक्षण अभियान के अंतर्गत ही टीम को भगवानपुर के मखनपुर क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल – नवदीप अस्पताल – के खिलाफ गंभीर शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में आरोप था कि यह अस्पताल बिना किसी वैध लाइसेंस और चिकित्सकीय निगरानी के वर्षों से संचालित हो रहा है।
सूचना के आधार पर जब औषधि निरीक्षकों की टीम मौके पर पहुंची, तो स्थिति अत्यंत चिंताजनक पाई गई। अस्पताल के पास कोई पंजीकरण प्रमाणपत्र, कोई मान्य लाइसेंस, और कोई उत्तरदायी डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ उपस्थित नहीं था। अस्पताल में दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता पर भी प्रश्नचिह्न लग गया।
निरीक्षकों ने जब प्रबंधन से दस्तावेज़ दिखाने को कहा, तो अस्पताल प्रशासन कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। इसके बाद टीम ने तुरंत मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को सूचना दी और अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर समस्त गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दे दिए।
एफडीए अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार के अस्पताल न केवल कानून का उल्लंघन करते हैं, बल्कि मरीजों की जान के साथ भी खिलवाड़ करते हैं। ऐसे संस्थानों के खिलाफ आगे भी इसी प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी।
अस्पताल प्रबंधन की सफाई और विभाग की प्रतिक्रिया
अस्पताल के संचालक ने अपनी सफाई में कहा है कि उन्होंने लाइसेंस और पंजीकरण के लिए आवेदन किया है और प्रक्रियाएं प्रगति पर हैं। हालांकि एफडीए की टीम ने स्पष्ट किया है कि जब तक दस्तावेजों की वैधता की पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक अस्पताल के संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी और विभाग की निगरानी लगातार जारी रहेगी।
वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने कहा, “स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता, पारदर्शिता और नियमों का पालन अत्यंत आवश्यक है। हमारी टीम का उद्देश्य है कि जनपद में दवा विक्रय और स्वास्थ्य सेवाएं सुरक्षित व वैध रूप से संचालित हों। किसी भी स्तर की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
एफडीए की सख्ती का प्रभाव
हरिद्वार जनपद में फार्मा क्षेत्र लंबे समय से प्रशासनिक निगरानी की आवश्यकता महसूस कर रहा था। कई क्षेत्रों में मेडिकल स्टोर्स बिना लाइसेंस, अनुचित भंडारण और बिना प्रशिक्षित फार्मासिस्ट के संचालित होते पाए गए हैं। अब जब प्रशिक्षित निरीक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है, तो इन पर लगाम कसना संभव हो पाएगा।
इस प्रकार की कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश गया है कि स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एफडीए अब नियमित अंतराल पर औचक निरीक्षण अभियान चलाकर पूरे जिले में फार्मा क्षेत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
हरिद्वार में औषधि निरीक्षकों की नई नियुक्ति के साथ ही जनपद में मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर प्रशासन का नियंत्रण मजबूत होता दिख रहा है। जिस सख्ती के साथ बिना लाइसेंस संचालित अस्पताल के विरुद्ध कार्रवाई की गई, वह स्पष्ट करता है कि अब स्वास्थ्य से जुड़े किसी भी संस्थान को नियमों की अनदेखी करने की छूट नहीं दी जाएगी। इससे न केवल आम जनता का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि दवा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।