हरिद्वार में अवैध मदरसों पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, आठ मदरसे सील, SDM के नेतृत्व में चला अभियान बिना अनुमति चल रहे मदरसों पर अब नहीं होगी कोई ढील, SDM सदर हरिद्वार जितेन्द्र कुमार ने कहा– नियमों से नहीं होगा कोई समझौता”, बिना परमिशन संचालित और अवैध मदरसों पर आगे भी जारी रहेगा अभियान,नियमों की अनदेखी कर बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा से खिलवाड़ करने की छूट नहीं,कई और प्रशासन की रडार पर

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में अवैध मदरसों पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई,
आठ मदरसे सील, SDM के नेतृत्व में चला अभियान
बिना अनुमति चल रहे मदरसों पर अब नहीं होगी कोई ढील, SDM सदर हरिद्वार जितेन्द्र कुमार ने कहा– नियमों से नहीं होगा कोई समझौता”, बिना परमिशन संचालित और अवैध मदरसों पर आगे भी जारी रहेगा अभियान,नियमों की अनदेखी कर बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा से खिलवाड़ करने की छूट नहीं,कई और प्रशासन की रडार पर
हरिद्वार, 07 मई 2025 – बुधवार को हरिद्वार प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तहसील हरिद्वार क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित आठ मदरसों को सील कर दिया। यह कार्रवाई उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में की गई, जिसमें प्रशासन की टीम के साथ पुलिस बल भी शामिल था। कार्यवाही का मकसद उन मदरसों पर शिकंजा कसना था जो बिना किसी सरकारी अनुमति, पंजीकरण या मान्यता के वर्षों से संचालित हो रहे थे।
अवैध मदरसों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई से फिर जिले भर में शिक्षा माफियाओं में हड़कंप
इस विशेष अभियान के दौरान प्रशासन की टीम ने एक के बाद एक उन मदरसों पर छापा मारा, जिनकी शिकायतें लगातार मिल रही थीं। कार्यवाही के दौरान सील किए गए मदरसों के नाम इस प्रकार हैं:
- मदरसा ईसा अतुल कुरान, ग्राम अम्बुवाला पथरी
- मदरसा जामिया फरुकिया, ग्राम बादशापुर
- मदरसा इस्लामिया अरबिया इसातुल पुरान, पदार्था धनपुरा
- मदरसा इस्लामिया तामिल कुरान, ग्राम इब्राहिमपुर
- मदरसा सकलानिया, ग्राम गुर्जर बस्ती पथरी
- मदरसा फैज़-ए-आम, गुर्जर बस्ती पथरी
- मदरसा गोसिया रहमानिया तालीमुल कुरान, धनपुरा
- मदरसा दारुल उलूम महमूदिया, ग्राम इब्राहिमपुर
इन सभी संस्थानों को प्रशासन ने नियमों की अनदेखी, ज़मीन के गलत इस्तेमाल और बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही के आधार पर सील किया।

उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह कार्यवाही किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि अवैध संस्थानों के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “कोई भी शिक्षण संस्था बिना सरकारी मान्यता, बुनियादी सुविधाओं और सुरक्षा के प्रबंध के नहीं चल सकती। यह बच्चों के भविष्य और जीवन से खिलवाड़ है।”
उन्होंने आगे कहा कि जिन मदरसों को सील किया गया है, उनमें न तो मान्यता थी और न ही वहां बच्चों के लिए आवश्यक सुरक्षा इंतज़ाम। कुछ जगहों पर तो साफ-सफाई और पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं थी।
रहवासियों ने किया कार्रवाई का समर्थन
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की इस कार्यवाही की सराहना की है। लोगों ने बताया कि कुछ मदरसों में बच्चों की संख्या सैकड़ों में थी, लेकिन उनके ठहरने और पढ़ाई के लिए उचित व्यवस्था नहीं थी। कई बार आसपास के लोगों को शंका होती थी कि इन मदरसों में क्या हो रहा है, लेकिन कोई खुलकर शिकायत नहीं कर पाता था।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम धार्मिक शिक्षा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कानून और नियमों का पालन हर किसी को करना चाहिए। जो मदरसे अवैध रूप से चल रहे थे, उन्हें बंद करना ज़रूरी था।”
बिना परमिशन संचालित और अवैध मदरसों पर आगे भी जारी रहेगा अभियान
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्यवाही केवल शुरुआत है। तहसील क्षेत्र में चल रहे सभी शिक्षण संस्थानों की गहन जांच की जाएगी, चाहे वे स्कूल हों, कोचिंग संस्थान हों या धार्मिक शिक्षण केंद्र। किसी भी संस्था को बिना पंजीकरण, संरचना स्वीकृति या न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं के चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
SDM जितेंद्र कुमार ने यह भी बताया कि अगर कोई संस्था नियमों का पालन करते हुए पुनः आवेदन करती है और जरूरी मानकों को पूरा करती है, तो उस पर विचार किया जाएगा। लेकिन तब तक वह संस्था बंद ही मानी जाएगी।
हरिद्वार जैसे धार्मिक और तीर्थ नगरी में शिक्षा और धर्म दोनों का अपना स्थान है, लेकिन जब इनका संचालन बिना किसी नियम और व्यवस्था के होता है तो यह समस्या का रूप ले लेता है। प्रशासन की यह कार्रवाई एक कड़ा संदेश है कि अब किसी को भी नियमों की अनदेखी कर बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जाएगी।
यह कार्रवाई एक सकारात्मक शुरुआत है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि शिक्षा के नाम पर अव्यवस्था और अनियमितता को बढ़ावा न मिले और आने वाली पीढ़ी सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके।