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सुमन नगर में बड़ा दर्दनाक हादसा: गढ़मीरपुर निवासी अफजल हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से हालत गंभीर,, अब ईलाज के दौरान हो गई दर्दनाक मौत,, मकान पर प्लास्टर करने के लिए पैड-सीढ़ी बांधते वक्त करंट लगने से बुरी तरह झुलसा, हालत गंभीर अब हो गई दर्दनाक मौत  सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर उठे सवाल, जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग

इन्तजार रजा हरिद्वार-🔴 सुमन नगर में बड़ा दर्दनाक हादसा: गढ़मीरपुर निवासी अफजल हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से हालत गंभीर,, अब ईलाज के दौरान हो गई दर्दनाक मौत,,
⚡ मकान पर प्लास्टर करने के लिए पैड-सीढ़ी बांधते वक्त करंट लगने से बुरी तरह झुलसा, हालत गंभीर अब हो गई दर्दनाक मौत 
❗ सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर उठे सवाल, जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग

हरिद्वार/गढ़मीरपुर।
हरिद्वार जनपद के सुमन नगर क्षेत्र में आज सोमवार को एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें 25 वर्षीय अफजल पुत्र शमीम, निवासी गढ़मीरपुर, सुमन नगर में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। अफजल सुमन नगर गली नंबर 2 में एक दोमंजिला मकान की बाहरी दीवार पर प्लास्टर का काम कर रहा था। कार्य के दौरान जब वह लोहे की पैड सीढ़ी बांध रहा था, तभी मकान के ऊपर से गुजर रही 11 हजार वोल्ट की विद्युत लाइन से संपर्क हो गया। अचानक करंट लगते ही अफजल बुरी तरह झुलसकर नीचे गिर गया।

घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने घायल युवक को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताई है। शरीर का एक बड़ा हिस्सा जल चुका है और पीठ, गर्दन, हाथ व चेहरा गंभीर रूप से प्रभावित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि युवक को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया जा सकता है।

⚡ सुरक्षा मानकों की अनदेखी बनी हादसे की वजह

इस घटना ने निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की खुलेआम अनदेखी की पोल खोल दी है। जिस मकान पर कार्य चल रहा था, उसके ठीक ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजर रही थी, लेकिन न तो बिजली विभाग ने क्षेत्र में चेतावनी बोर्ड लगाए थे और न ही मकान मालिक या ठेकेदार ने कार्य स्थल पर कोई सुरक्षा उपाय अपनाए।

अफजल को काम के दौरान न हेलमेट उपलब्ध कराया गया था, न रबर दस्ताने और न ही इंसुलेटेड उपकरण। जिस सीढ़ी का इस्तेमाल किया जा रहा था, वह पूरी तरह से लोहे की थी, जिससे विद्युत प्रवाह का खतरा और भी बढ़ गया। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या यह पूरा कार्य बिना किसी सुरक्षा निरीक्षण और तकनीकी मंजूरी के हो रहा था?

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। क्षेत्र में कई निर्माण कार्य हाईटेंशन लाइनों के नीचे चल रहे हैं, जहां बिजली विभाग और प्रशासन आंखें मूंदे हुए हैं।

📢 जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग

इस दर्दनाक हादसे के बाद क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि:

  • अफजल के इलाज का पूरा खर्च प्रशासन उठाए।
  • मकान मालिक और ठेकेदार पर जान को खतरे में डालने का मुकदमा दर्ज किया जाए।
  • बिजली विभाग के लापरवाह अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाए।
  • पूरे क्षेत्र में हाईटेंशन लाइनों का पुनर्मूल्यांकन कर उन्हें या तो भूमिगत किया जाए या मकानों से सुरक्षित दूरी पर शिफ्ट किया जाए।
  • निर्माण स्थलों पर अनिवार्य रूप से सुरक्षा उपकरण और निरीक्षण की प्रक्रिया लागू की जाए।

🧱 मजदूरों की जान इतनी सस्ती क्यों?

अफजल एक मेहनतकश मजदूर है जो दिन-रात अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए मजदूरी करता है। लेकिन उसकी सुरक्षा को लेकर सिस्टम की उदासीनता और संवेदनहीनता यह दर्शाती है कि मजदूरों की जान आज भी बेहद सस्ती मानी जाती है। बिना सुरक्षा उपकरणों के काम करवाना, बिना किसी निरीक्षण के ऊंचाई पर काम कराना और ऊपर से हाईटेंशन लाइन जैसे गंभीर खतरे को नजरअंदाज करना—ये सभी बातें आपराधिक लापरवाही के दायरे में आती हैं।

📝: लापरवाही नहीं, अब जवाबदेही चाहिए

गढ़मीरपुर निवासी अफजल का हादसा किसी तकनीकी चूक का नहीं, बल्कि सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी और जिम्मेदार विभागों की उदासीनता का नतीजा है। यदि ठेकेदार, मकान मालिक और बिजली विभाग समय रहते सजग रहते, तो यह हादसा रोका जा सकता था।

अब समय आ गया है कि प्रशासन सिर्फ कागजी कार्रवाई न कर, बल्कि दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करे और निर्माण स्थलों की सुरक्षा के लिए मजबूत व्यवस्था लागू करे। जब तक जिम्मेदार जवाबदेह नहीं होंगे, तब तक हर अफजल इसी तरह जान जोखिम में डालता रहेगा।

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