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हरिद्वार के ग्राम कांगड़ी स्थित विदेशी मदिरा की दुकान पर विक्रेता द्वारा अनधिकृत स्रोतों से माल प्राप्त करने की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी हरिद्वार, कर्मेन्द्र सिंह के आदेश पर तहसीलदार हरिद्वार प्रियंका राही द्वारा प्रशासनिक अमले के साथ की गई कार्रवाई,शराब विक्रेताओ में मच गया हड़कंप

इन्तजार रजा हरिद्वार:-हरिद्वार के ग्राम कांगड़ी स्थित विदेशी मदिरा की दुकान पर विक्रेता द्वारा अनधिकृत स्रोतों से माल प्राप्त करने की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी हरिद्वार, कर्मेन्द्र सिंह के आदेश पर तहसीलदार हरिद्वार प्रियंका राही द्वारा प्रशासनिक अमले के साथ की गई कार्रवाई,शराब विक्रेताओ में मच गया हड़कंप

हरिद्वार के ग्राम कांगड़ी स्थित विदेशी मदिरा की दुकान पर विक्रेता द्वारा अनधिकृत स्रोतों से माल प्राप्त करने की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी हरिद्वार, कर्मेन्द्र सिंह द्वारा की गई कार्यवाही ने प्रशासनिक दक्षता और कानून के प्रति प्रतिबद्धता का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह घटना न केवल एक प्रशासनिक कार्यवाही की कहानी है, बल्कि यह हमें यह भी बताती है कि कैसे सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए कानून और व्यवस्था को बनाए रखते हुए नागरिकों की सुरक्षा और प्रशासन की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करते हैं।

समस्या की शुरुआत…ग्राम कांगड़ी में स्थित विदेशी मदिरा की दुकान से संबंधित जानकारी मिली थी कि वहां के विक्रेता द्वारा मदिरा का आपूर्ति अनधिकृत स्रोतों से किया जा रहा था। यह एक गंभीर मुद्दा था क्योंकि मदिरा की बिक्री और वितरण के लिए एक कानूनी प्रक्रिया और लाइसेंस की आवश्यकता होती है, जो यह सुनिश्चित करता है कि यह गतिविधि नियंत्रित और सुरक्षित तरीके से हो रही है। मदिरा की बिक्री के लिए एफ. एल. 36/ बिक्री पास की आवश्यकता होती है, जो यह प्रमाणित करता है कि विक्रेता ने जिन मदिरा की पेटियों को प्राप्त किया है, वे कानूनी स्रोतों से आई हैं और उनका विक्रय वैध है। इसके अलावा, यदि कोई विक्रेता अनधिकृत स्रोतों से मदिरा प्राप्त करता है, तो यह न केवल आबकारी विभाग के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह राज्य के राजस्व को भी प्रभावित करता है।जब यह सूचना जिलाधिकारी हरिद्वार, श्री कर्मेन्द्र सिंह तक पहुंची, तो उन्होंने तुरंत इस मामले की गंभीरता को समझते हुए, औचक निरीक्षण का आदेश दिया। उनका यह कदम यह दर्शाता है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को बहुत गंभीरता से निभाते हैं और कोई भी उल्लंघन करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई के पक्षधर हैं।

औचक निरीक्षण का निर्णय.. हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने अपने आदेश के माध्यम से तहसीलदार प्रियंका रानी को निर्देशित किया कि व आबकारी विभाग हरिद्वार के उपनिरीक्षक मदन सिंह चौहान के साथ मिलकर कांगड़ी स्थित विदेशी मदिरा की दुकान का औचक निरीक्षण करें। औचक निरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि दुकानदार ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है और मदिरा के व्यापार में कोई अनियमितता नहीं हो रही है। औचक निरीक्षण की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि कई बार विक्रेता या अनुज्ञापी जानबूझकर प्रशासन से बचने के लिए पहले से तैयार रहते हैं, जिससे निरीक्षण के दौरान वास्तविक स्थिति का पता नहीं चलता। इस स्थिति से निपटने के लिए औचक निरीक्षण की प्रक्रिया को अपनाया जाता है, जिससे अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के निरीक्षण कर सकें और वास्तविक स्थिति का आकलन कर सकें।

निरीक्षण के दौरान की गई कार्यवाही….निरीक्षण के दौरान तहसीलदार प्रियंका रानी और उपनिरीक्षक मदन सिंह चौहान ने पाया कि विक्रेता के पास 32 पेटी विदेशी मदिरा रखी गई थी। यह पेटियां बिना एफ. एल. 36/ बिक्री पास के रखी गई थीं। विक्रेता के पास उन मदिरा पेटियों का कोई वैध प्रमाणपत्र या अनुमति नहीं थी, जो यह प्रमाणित करता कि ये मदिरा कानूनी रूप से प्राप्त की गई थीं और इनकी बिक्री वैध है। यह पूरी स्थिति गंभीर थी, क्योंकि बिना उचित दस्तावेजों के मदिरा की बिक्री न केवल अवैध थी, बल्कि यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी खतरनाक हो सकती थी।तत्काल प्रभाव से, तहसीलदार प्रियंका रानी और उनके साथ मौजूद अधिकारियों ने उन 32 पेटियों को विक्रय हेतु प्रतिबंधित कर दिया। इस कार्यवाही के तहत, विक्रेता को यह सूचित किया गया कि बिना वैध लाइसेंस और बिक्री पास के वह मदिरा का व्यापार नहीं कर सकता। इस कार्यवाही से यह स्पष्ट हो गया कि प्रशासन इस प्रकार की अवैध गतिविधियों को बिल्कुल भी सहन नहीं करेगा और किसी भी विक्रेता को कानून का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।इस कार्रवाई ने न केवल विक्रेताओं में हड़कंप मचाया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि जिलाधिकारी और उनके अधिकारी इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेते हैं और हर तरह की अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हैं। जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह की यह तत्परता प्रशासन के लिए एक सकारात्मक संदेश लेकर आई, जिससे यह उम्मीद बढ़ी कि भविष्य में ऐसे अपराधों की संख्या में कमी आएगी।

प्रशासन की निष्पक्षता और पारदर्शिता….इस कार्यवाही के दौरान राजस्व निरीक्षक रमेश चंद और लव शर्मा, प्रधान आबकारी सहायक भी उपस्थित थे। इन अधिकारियों की उपस्थिति से यह सुनिश्चित हुआ कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन ठीक से किया गया और कार्यवाही में कोई भी अनियमितता नहीं रही। इन अधिकारियों की मदद से यह सुनिश्चित किया गया कि विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष हो।राजस्व निरीक्षक और आबकारी सहायक की उपस्थिति ने इस निरीक्षण को और भी महत्वपूर्ण बना दिया, क्योंकि इससे कार्यवाही में कोई भी पक्षपाती या अनियमितता की गुंजाइश नहीं थी। यह एक आदर्श उदाहरण था कि कैसे विभिन्न विभागों के अधिकारी मिलकर एक सशक्त और पारदर्शी कार्यवाही कर सकते हैं, जिससे सरकारी कार्यवाही के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता है और प्रशासन की छवि बेहतर होती है।

विक्रेताओं में हड़कंप और चेतावनी….हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह की इस सख्त कार्रवाई ने मदिरा विक्रेताओं और अनुज्ञापियों में एक डर पैदा किया। यह डर और हड़कंप केवल कांगड़ी क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि यह पूरे हरिद्वार जिले में फैल गया। विक्रेता और अनुज्ञापी यह समझ गए कि प्रशासन अब किसी भी प्रकार के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा और भविष्य में इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई ने विक्रेताओं को यह भी समझाया कि यदि वे अपनी गतिविधियों को कानून के दायरे में रखते हैं, तो वे किसी भी प्रकार की परेशानियों से बच सकते हैं।इसके अलावा, इस कार्रवाई ने एक संदेश भी दिया कि प्रशासन अब पहले से अधिक सतर्क और सक्रिय है, और जो लोग किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलिप्त हैं, उन्हें सख्त सजा दी जाएगी। यह संदेश उन सभी के लिए था, जो यह सोचते थे कि वे कानून से बच सकते हैं या प्रशासन की नजरों से बाहर रह सकते हैं।

भविष्य में भी जारी रहेंगे औचक निरीक्षण….हरिद्वार तहसीलदार प्रियंका रानी ने इस निरीक्षण के बाद यह स्पष्ट किया कि जिलाधिकारी श्री कर्मेन्द्र सिंह के निर्देश पर भविष्य में भी ऐसे औचक निरीक्षण लगातार किए जाएंगे। यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि प्रशासन अब केवल नियमित निरीक्षणों के माध्यम से ही नहीं, बल्कि निरंतर औचक निरीक्षणों के जरिए भी मदिरा की अवैध बिक्री और अन्य अनियमितताओं पर नजर रखेगा। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि विक्रेता और अनुज्ञापी नियमों का पालन करें और प्रशासन का ध्यान किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों से हटा न जाए।इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कानून का पालन किया जा रहा है और किसी भी उल्लंघन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जा सके। प्रशासन के इस कदम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में मदिरा की अवैध बिक्री में कमी आएगी और लोग कानून का सम्मान करना सीखेंगे।

ग्राम कांगड़ी स्थित विदेशी मदिरा की दुकान पर हुई इस सख्त कार्यवाही ने यह सिद्ध कर दिया कि जिलाधिकारी श्री कर्मेन्द्र सिंह और उनकी टीम अपने कर्तव्यों को पूरी गंभीरता से निभाती है और कानून के उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को सजा दिलाने में पीछे नहीं हटती। इस घटना ने न केवल प्रशासन की कार्यकुशलता और पारदर्शिता को दिखाया, बल्कि यह भी साबित किया कि औचक निरीक्षण जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रशासन यह सुनिश्चित कर सकता है कि कोई भी व्यक्ति या विक्रेता अवैध गतिविधियों में संलिप्त न हो। इस कार्यवाही ने यह भी सिद्ध किया कि यदि प्रशासन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करता है, तो समाज में कानून का पालन और व्यवस्था बनी रहती है।

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