मिलावटखोर समाज व राष्ट्र के दुश्मन : डीएम कर्मेन्द्र सिंह जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर दर्ज हों मुकदमे, खाद्य सुरक्षा में कोताही पर नहीं चलेगी लापरवाही : अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार- मिलावटखोर समाज व राष्ट्र के दुश्मन : डीएम कर्मेन्द्र सिंह
जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर दर्ज हों मुकदमे,
खाद्य सुरक्षा में कोताही पर नहीं चलेगी लापरवाही : अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश
हरिद्वार, 25 अप्रैल 2025।
जनपद हरिद्वार में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध अब प्रशासन का रुख सख्त हो गया है। जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने कहा है कि मिलावट करने वाले न केवल कानून का उल्लंघन करते हैं, बल्कि वे समाज और राष्ट्र के दुश्मन हैं, जो जनस्वास्थ्य के साथ सीधा खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे लोगों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी तथा उन पर मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
यह निर्देश जिलाधिकारी ने शुक्रवार को जिला कार्यालय सभागार में “सुरक्षित भोजन एवं स्वस्थ आहार” विषय पर आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में दिए। इस बैठक में विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे और खाद्य सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई।
खाद्य सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सभी विभाग सतर्क रहें : डीएम
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि खाद्य सुरक्षा कोई सामान्य कार्य नहीं है, यह एक अत्यंत संवेदनशील विषय है, जो सीधे आम नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि बच्चों, महिलाओं, वृद्धजनों तथा बीमार व्यक्तियों पर दूषित भोजन का प्रभाव और भी घातक होता है। ऐसे में संबंधित विभागों—विशेष रूप से स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, और पुलिस—को परस्पर समन्वय बनाकर कार्य करना होगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नियमित अंतराल पर औचक निरीक्षण करें, दुकानों, बाजारों और खाद्य निर्माण इकाइयों से सैंपल लेकर उन्हें परीक्षण के लिए भेजा जाए। उन्होंने कहा कि जिन उत्पादों में मिलावट की पुष्टि हो, वहां न सिर्फ जुर्माना लगाया जाए, बल्कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट के अंतर्गत मुकदमे भी दायर किए जाएं।
जनपद में लिए गए सैंपल्स की स्थिति
बैठक के दौरान जिला अभिहित अधिकारी महिमा नंद जोशी ने वर्ष 2024–2025 के दौरान खाद्य सैंपलिंग की स्थिति से सभी अधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक जनपद के विभिन्न 219 स्थानों से कुल 355 सैंपल लिए गए, जिनमें से 238 नमूने मानकों के अनुरूप पाए गए। वहीं 10 सैंपल सब-स्टैण्डर्ड, 2 सैंपल मिस-ब्रांडेड और 19 सैंपल अनसेफ घोषित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 86 सैंपल्स की रिपोर्ट अभी लंबित है।
उन्होंने सर्वे सैंपल की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2024–2025 के दौरान लिए गए 246 सर्वे सैंपलों में से 236 सही पाए गए, 9 सैंपल सब-स्टैण्डर्ड तथा 1 सैंपल अनसेफ पाया गया।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पिछले वित्तीय वर्ष में 29 मामलों में कोर्ट केस की कार्रवाई की गई है, जबकि 22 प्रकरणों में कोर्ट केस हेतु कार्यवाही प्रगति पर है।
खाद्य कारोबारियों को किया जाए जागरूक
जिलाधिकारी ने कहा कि खाद्य कारोबार से जुड़े सभी व्यक्तियों को फूड सेफ्टी एक्ट, लाइसेंसिंग और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से अवगत कराना बेहद जरूरी है। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं और उन्हें बताया जाए कि यदि वे नियमानुसार कार्य नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
डीएम ने स्पष्ट कहा कि कई छोटे दुकानदार, रेहड़ी-पटरी व्यवसायी या खाद्य उत्पादक संस्थान जानबूझकर या जानकारी के अभाव में नियमों का उल्लंघन करते हैं। ऐसी स्थिति में जागरूकता के साथ-साथ, नियमों के पालन हेतु सख्ती भी आवश्यक है।
जिम्मेदारी से काम करें सभी विभाग : आपसी समन्वय पर ज़ोर
बैठक के दौरान उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि खाद्य सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ एक विभाग की नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग, खाद्य सुरक्षा विभाग, नगर निगम, पुलिस प्रशासन तथा बाल विकास विभाग को सामूहिक रूप से इस दिशा में कार्य करना होगा।
डीएम ने कहा कि जब तक सभी विभाग मिलकर कार्य नहीं करेंगे, तब तक मिलावटखोरी पर पूर्ण अंकुश नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग द्वारा लापरवाही अथवा उदासीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन करने में कोताही बरतता है, तो उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
उपस्थित अधिकारी और उनकी भूमिकाएं
इस बैठक में अपर जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, एएसपी जितेन्द्र चौधरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर. के. सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी सुलेखा सहगल, जिला अभिहित अधिकारी महिमा नंद जोशी, फूड सेफ्टी ऑफिसर दिलीप जैन, योगेन्द्र पांडे और कपिल देव, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर तालियान (हरिद्वार), डॉ. ए.के. श्रीवास्तव (रुड़की), डीएसओ तेजबल सिंह, महाप्रबंधक उद्योग उत्तम कुमार तिवारी, एवं ईई पीडब्लूडी दीपक कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सभी अधिकारियों ने बैठक में अपने-अपने विभागीय कार्यों की प्रगति से जिलाधिकारी को अवगत कराया और मिलावटखोरी के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियानों की जानकारी दी।
जनता से की गई अपील
अंत में जिलाधिकारी ने आम जनता से अपील की कि यदि वे कहीं पर भी मिलावटी खाद्य सामग्री का संदेह करें तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने कहा कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी है, जिसमें नागरिकों की सहभागिता बेहद जरूरी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रशासन हर शिकायत को गंभीरता से लेगा और तत्काल कार्रवाई करेगा।