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पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने फर्जी ट्रस्ट पदाधिकारियों पर दर्ज कराया मुकदमा, श्री गुरु रविदास ट्रस्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप, चार लोगों पर एफआईआर, धार्मिक आस्था के नाम पर चल रहा था फर्जीवाड़ा, ज्वालापुर कोतवाली में दी गई तहरीर

इन्तजार रजा हरिद्वार- पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने फर्जी ट्रस्ट पदाधिकारियों पर दर्ज कराया मुकदमा,

श्री गुरु रविदास ट्रस्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप, चार लोगों पर एफआईआर,

धार्मिक आस्था के नाम पर चल रहा था फर्जीवाड़ा, ज्वालापुर कोतवाली में दी गई तहरीर

हरिद्वार, 3 जून 2025 (Daily Live Uttarakhand):
धार्मिक आस्था और ट्रस्ट की प्रतिष्ठा से जुड़े एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हरिद्वार में तब हुआ जब पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ ट्रस्ट के नाम पर कथित फर्जी नियुक्तियों को लेकर चार व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मामला धार्मिक विश्वास से जुड़ा होने के कारण न सिर्फ समाज में आक्रोश का विषय बन गया है, बल्कि पुलिस और प्रशासन के लिए भी चुनौतीपूर्ण बन गया है।

पूर्व विधायक राठौर ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट की साख और उसकी गरिमा को धूमिल करने के लिए कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा सुनियोजित साजिश रची गई है। उनके अनुसार, दिल्ली निवासी सुरजीत सिंह ने खुद को ट्रस्ट का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करते हुए न केवल हरियाणा और दिल्ली में, बल्कि हरिद्वार समेत अन्य स्थानों पर भी फर्जी प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की है।

ट्रस्ट की गरिमा के साथ खिलवाड़

सुरेश राठौर ने कहा कि श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ ट्रस्ट न केवल एक पंजीकृत और विधिसम्मत संस्था है, बल्कि देशभर में फैली शाखाओं के माध्यम से सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का संचालन करती है। ऐसे में किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा खुद को अध्यक्ष घोषित करना न केवल कानूनी उल्लंघन है, बल्कि यह धार्मिक भावनाओं से सीधा खिलवाड़ है।

उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के नाम पर इस तरह की अवैध गतिविधियों से न केवल लोगों को भ्रमित किया जा रहा है, बल्कि धार्मिक आस्था को भी ठेस पहुंच रही है। यह कृत्य सीधे तौर पर समाज में वैमनस्य फैलाने, लोगों को गुमराह करने और ट्रस्ट की वैधता को चुनौती देने जैसा है।

चार आरोपियों पर दर्ज हुआ केस

राठौर ने ज्वालापुर कोतवाली पुलिस को सौंपे गए लिखित प्रार्थना पत्र में चार व्यक्तियों के नामजद रूप से शामिल होने का दावा किया है। इनमें दिल्ली, हरियाणा और हरिद्वार के रहने वाले लोग शामिल हैं। मुकदमे में आरोपियों के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (कूटरचना), 468 (धोखाधड़ी के इरादे से forgery), 471 (जाली दस्तावेज का प्रयोग) और 120-B (षड्यंत्र) जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामला गंभीर है और इसे धार्मिक संस्था की साख से जुड़ा मुद्दा मानते हुए उच्च प्राथमिकता पर लिया गया है। जल्द ही आरोपियों को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। पुलिस की एक टीम दिल्ली और हरियाणा में पड़ताल के लिए रवाना की जा रही है।

पूर्व विधायक की चेतावनी: नहीं होने देंगे धार्मिक आस्था का मजाक

सुरेश राठौर ने कहा कि श्री गुरु रविदास जी का नाम लेकर फर्जी नियुक्तियां करना न सिर्फ नैतिक अपराध है बल्कि यह समाज के संतुलन को बिगाड़ने की कोशिश भी है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर ट्रस्ट की गरिमा को सुरक्षित रखा जाएगा।

उन्होंने ट्रस्ट से जुड़े सभी प्रांतीय शाखाओं और अनुयायियों से अपील की कि किसी भी प्रकार की नियुक्ति या प्रमाण पत्र की वैधता को पहले मुख्यालय से सत्यापित करें, ताकि वे किसी षड्यंत्र का शिकार न हों।

ट्रस्ट की वैधता और इतिहास

गौरतलब है कि श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ ट्रस्ट की स्थापना समाज के वंचित और दलित वर्गों को सामाजिक न्याय, शिक्षा और आत्मनिर्भरता प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पारदर्शिता और संविधानिक मान्यताओं के आधार पर संचालित होती है। सुरेश राठौर इस ट्रस्ट के आजीवन राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और इसे गृह मंत्रालय से पंजीकृत दर्जा प्राप्त है।

राठौर ने बताया कि ट्रस्ट के माध्यम से अब तक देशभर में दर्जनों स्कूल, धर्मशालाएं और सामाजिक सेवा केंद्र संचालित किए जा चुके हैं, जिन्हें समाज में आदर के साथ देखा जाता है। ऐसे में ट्रस्ट के नाम का दुरुपयोग सिर्फ एक व्यक्ति विशेष का अपराध नहीं, बल्कि सामूहिक धार्मिक चेतना पर आघात जैसा है।

प्रशासन पर निगरानी की जिम्मेदारी

इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद स्थानीय समाजसेवियों और धार्मिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की फर्जी संस्थाओं पर सख्त निगरानी रखी जाए और धार्मिक ट्रस्टों के नाम पर कोई भी व्यक्ति फर्जीवाड़ा न कर सके, इसके लिए डिजिटल सत्यापन तंत्र विकसित किया जाए।

इस मामले ने न सिर्फ हरिद्वार बल्कि पूरे उत्तर भारत में गुरु रविदास अनुयायियों के बीच एक नई चिंता को जन्म दिया है। यह सवाल भी उठता है कि धार्मिक ट्रस्टों की आड़ में चल रहे फर्जीवाड़ों पर प्रशासन की निगाहें कितनी पैनी हैं? क्या हर मामले में कोई पूर्व विधायक ही आवाज उठाएगा या समाज और सरकार मिलकर ऐसी प्रवृत्तियों पर लगाम लगाएंगे?

Daily Live Uttarakhand इस प्रकरण की आगे की हर गतिविधि पर आपकी आवाज़ बना रहेगा।

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