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ऑपरेशन कालनेमि : झूठे चमत्कार और फर्जी बाबाओं पर अब कसेगा सख्त शिकंजा,, फर्जी पहचान, ऑनलाइन ठगी और अंधविश्वास फैलाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई को लेकर खाका तैयार,,अब नहीं बचेंगे पर्दे के पिछे छिपे झूठे चमत्कारी और फर्जी बाबा,, 📜 गृह विभाग ने पुलिस को दे दिए निर्देश, अब होगी गिरफ्तारी और दर्ज होंगे गंभीर मुकदमे

इन्तजार रजा हरिद्वार 🚨 ऑपरेशन कालनेमि : झूठे चमत्कार और फर्जी बाबाओं पर अब कसेगा सख्त शिकंजा,,

⚖️ फर्जी पहचान, ऑनलाइन ठगी और अंधविश्वास फैलाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई को लेकर खाका तैयार,,अब नहीं बचेंगे पर्दे के पिछे छिपे झूठे चमत्कारी और फर्जी बाबा,,

📜 गृह विभाग ने पुलिस को दे दिए निर्देश, अब होगी गिरफ्तारी और दर्ज होंगे गंभीर मुकदमे

उत्तराखंड में अंधविश्वास, झूठे चमत्कार और फर्जी पहचान के सहारे भोली-भाली जनता को ठगने वालों पर अब पुलिस का शिकंजा और भी कसने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चल रहे ऑपरेशन कालनेमि को लेकर सोमवार को गृह विभाग ने पुलिस को नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अब छद्म साधु-बाबाओं, ठगों और साइबर अपराधियों के खिलाफ सीधे गिरफ्तारी होगी और उन पर बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता), आईटी एक्ट, औषधि एवं आक्षेपणीय विज्ञापन अधिनियम, तथा विदेशियों विषयक अधिनियम जैसे विभिन्न कानूनों में गंभीर मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
🔎 क्यों जरूरी हुआ “ऑपरेशन कालनेमि”?
पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड के धार्मिक और पर्यटक स्थलों पर कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें साधु या बाबा का वेश धारण कर अपराधी लोगों को चमत्कार का झांसा देकर ठगते, महिलाओं का शोषण करते, साइबर ठगी करते या शादी-विवाह के नाम पर छलावा करते पकड़े गए।
ऑपरेशन कालनेमि इसी पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री धामी के आदेश पर शुरू किया गया था। शुरुआत में पुलिस ज्यादातर मामलों में ऐसे छद्म वेशधारियों को केवल शांतिभंग (Disturbing Peace) के आरोप में ही हिरासत में ले रही थी, मगर अब इन पर कठोर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज होंगे और गिरफ्तारी भी की जाएगी।
📌 गृह सचिव का आदेश – अब होगी कठोर कार्रवाई
सोमवार को गृह सचिव शैलेश बगौली ने पुलिस को निर्देश दिए कि ऑपरेशन कालनेमि के अंतर्गत पकड़े जाने वाले ठगों और छद्म वेशधारियों पर अलग-अलग कानूनों के तहत सख्त मुकदमे दर्ज किए जाएं। उन्होंने कहा कि—
  • सिर्फ शांतिभंग नहीं, बल्कि धोखाधड़ी, जालसाजी, साइबर क्राइम और यौन अपराध जैसी धाराओं में भी केस दर्ज हों।
  • पुलिस सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाए ताकि जनता ऐसे ठगों के चंगुल में न फंसे।
  • मुख्यालय स्तर पर हर दिन ऑपरेशन कालनेमि की प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाए और शासन को भेजी जाए।

⚖️ किन-किन अपराधों पर होगी कार्रवाई?
गृह विभाग ने अपराधों का वर्गीकरण करते हुए साफ किया कि अब विभिन्न स्थितियों में ठगों और छद्म वेशधारियों पर निम्न कानून लागू होंगे—
  1. धार्मिक वेशभूषा में छद्म पहचान बनाकर धोखा देना – बीएनएस की धाराओं में।
  2. चमत्कारिक उपचार या औषधि के झूठे दावे करना – औषधि एवं आक्षेपणीय विज्ञापन अधिनियम, 1954।
  3. भ्रामक विज्ञापन जारी करना – बीएनएस की धाराओं में।
  4. साइबर धोखाधड़ी, फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल – बीएनएस और आईटी एक्ट।
  5. जाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालने या ब्लैकमेल करने की धमकी – बीएनएस व आईटी एक्ट।
  6. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रह रहे विदेशी नागरिक – बीएनएस और विदेशियों विषयक अधिनियम, 1946।
  7. फर्जी पहचान पत्र, झूठे बयान या गवाही देना – बीएनएस की धाराओं में।
  8. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जाली दस्तावेज़ इस्तेमाल करना – बीएनएस की धाराओं में।
📢 पुलिस का प्रचार अभियान – जनता से अपील
गृह सचिव ने निर्देश दिया कि ऑपरेशन कालनेमि की सफलता के लिए जन-जागरूकता बेहद जरूरी है। इसलिए पुलिस अब—
  • सोशल मीडिया पोस्ट, वीडियो और प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से लगातार लोगों को सतर्क करेगी।
  • गांव-गांव और धार्मिक मेलों में माइकिंग और पंपलेट वितरण करेगी।
  • नागरिकों से अपील करेगी कि “धोखे से बचें, अफवाह न फैलाएं और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।”
🚓 अब तक की कार्रवाई – बड़े पैमाने पर पकड़े गए छद्म वेशधारी
ऑपरेशन कालनेमि की शुरुआत से अब तक पुलिस ने राज्यभर में कई छापेमारी अभियान चलाए। इसमें साधु, बाबा, फकीर और चमत्कार दिखाने वाले कई लोग पकड़े गए। कुछ मामलों में—
  • महिलाओं को चमत्कारिक इलाज के नाम पर शारीरिक शोषण किया जा रहा था।
  • साइबर ठग, बाबा बनकर ऑनलाइन ‘दुश्मन को खत्म करने का टोटका’ और ‘विवाह कराने की गारंटी’ जैसी सेवाएं बेच रहे थे।
  • नकली पहचान पत्र और पासपोर्ट के सहारे रह रहे विदेशी भी सामने आए।
पहले इन पर हल्की धाराओं में कार्रवाई होती थी, लेकिन अब सख्त मुकदमे दर्ज होंगे और लंबे समय तक जेल की हवा खानी पड़ेगी।
🛑 जाने जनता क्यों रहे सतर्क?
उत्तराखंड जैसे धार्मिक पर्यटन वाले प्रदेश में हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। इसी भीड़ का फायदा उठाकर ठग साधु या बाबा का रूप धरकर भोले-भाले लोगों को फंसाते हैं।
  • कोई झाड़-फूंक और चमत्कार का दावा करता है।
  • कोई लड़की की शादी कराने या संतान देने का झांसा देता है।
  • कोई विदेश यात्रा या सरकारी योजना का लाभ दिलाने का भरोसा देता है।
इन सबका मकसद सिर्फ लोगों की जेब खाली करना और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करना होता है।
📊 ऑपरेशन कालनेमि – एक नजर में
  • शुरुआत – मुख्यमंत्री धामी के आदेश पर।
  • उद्देश्य – छद्म साधु-बाबाओं, ठगों और साइबर अपराधियों पर कार्रवाई।
  • अब तक की कार्रवाई – राज्यभर में सैकड़ों संदिग्धों की पहचान और गिरफ्तारियां।
  • नए निर्देश – गिरफ्तारी, कठोर मुकदमे और सोशल मीडिया जागरूकता।
  • मुख्य कानून – बीएनएस, आईटी एक्ट, औषधि एवं आक्षेपणीय विज्ञापन अधिनियम, विदेशियों विषयक अधिनियम।
ऑपरेशन कालनेमि का नया चरण न सिर्फ फर्जी बाबाओं और ठगों पर नकेल कसने का प्रयास है, बल्कि यह आम जनता को भी चेतावनी देता है कि—
  • किसी भी व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें।
  • बिना सत्यापन किसी चमत्कारिक दावे पर भरोसा न करें।
  • संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
सरकार और पुलिस का यह अभियान तभी सफल होगा जब जनता भी इसमें सहयोग करेगी और “कालनेमि” जैसे ठगों की पहचान कर उन्हें कानून के हवाले करेगी।

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