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हरिद्वार गैस प्लांट पर पुलिस, डीएसओ और IOCL अधिकारियों का छापा,, 🔥 गैस की कालाबाजारी का बड़ा रैकेट बेनकाब,, लाखों लोगों की जान पर मंडरा रहा था खतरा,, प्रशासन सख्त, पूरे नेटवर्क की जांच शुरू

इन्तजार रजा हरिद्वार 🚨 हरिद्वार गैस प्लांट पर पुलिस, डीएसओ और IOCL अधिकारियों का छापा,,

🔥 गैस की कालाबाजारी का बड़ा रैकेट बेनकाब,,

⚠️ लाखों लोगों की जान पर मंडरा रहा था खतरा,,

प्रशासन सख्त, पूरे नेटवर्क की जांच शुरू

हरिद्वार में पुलिस ने देर रात एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गैस की कालाबाजारी का पर्दाफाश किया। यह कार्रवाई रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में हुई, जहां बंद पड़ी एक फैक्ट्री में अवैध रूप से गैस रिफिलिंग का धंधा चल रहा था। पुलिस को लंबे समय से इस नेटवर्क की सूचना मिल रही थी और आखिरकार एक पुख्ता योजना बनाकर आधी रात को छापा मारा गया।

आधी रात को पुलिस का छापा, भाग खड़े हुए आरोपी

जानकारी के मुताबिक, छापेमारी की कार्रवाई रात करीब 1 बजे की गई। जैसे ही पुलिस ने अचानक दबिश दी, मौके पर मौजूद कई आरोपी सामान छोड़कर भाग निकले। हालांकि पुलिस ने तीन लोगों को रंगे हाथ दबोच लिया। इनसे पूछताछ में कई अहम खुलासे हो सकते हैं। पुलिस ने मौके से 61 कमर्शियल और घरेलू गैस सिलेंडर, गैस पलटने वाली मशीनें, नोजल, चाबियां और अन्य उपकरण बरामद किए हैं।

मामला बेहद गंभीर इसलिए माना जा रहा है क्योंकि बंद पड़ी कंपनी में बड़े गैस क्यूब लगाकर कमर्शियल और डोमेस्टिक सिलेंडरों में रिफिलिंग की जा रही थी। यह धंधा न केवल अवैध था, बल्कि इससे आसपास रहने वाले लोगों की जान को बड़ा खतरा था।

पुलिस, डीएसओ और IOCL अधिकारियों की संयुक्त कार्रवाई

इस कार्रवाई में पुलिस के साथ जिला आपूर्ति अधिकारी (DSO) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के अधिकारी भी मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार, लंबे समय से क्षेत्र में गैस की कालाबाजारी की शिकायतें मिल रही थीं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन की लगातार निगरानी के बाद यह छापा सफल हुआ।

अधिकारियों का कहना है कि इस रैकेट का जाल काफी बड़ा हो सकता है। कई लोगों के नाम इसमें सामने आने की संभावना है। जांच की दिशा अब पूरे नेटवर्क तक पहुंचने पर केंद्रित है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर इतने सिलेंडर कहां से लाए जा रहे थे और इन्हें किसे सप्लाई किया जा रहा था।

जयपुर जैसी दुर्घटना टलने से राहत

सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि जिस जगह यह अवैध गैस रिफिलिंग हो रही थी, वहीं पास में इंडियन ऑयल का गैस प्लांट और घनी आबादी वाला इलाका स्थित है। इस पूरे क्षेत्र में लाखों लोग रहते हैं, साथ ही आसपास की फैक्ट्रियों में हजारों मजदूर काम करते हैं।

अगर समय रहते पुलिस ने इस रैकेट का भंडाफोड़ न किया होता, तो जयपुर जैसी भीषण दुर्घटना यहां भी हो सकती थी। एक छोटी सी चिंगारी पूरे इलाके को हादसे की आग में झोंक सकती थी।

कैसे होता था गैस का अवैध खेल?

जांच में सामने आया है कि आरोपी बंद पड़ी कंपनी में गैस क्यूब का इस्तेमाल कर सिलेंडरों में गैस भरते थे। यह प्रक्रिया पूरी तरह से असुरक्षित और गैरकानूनी थी। कमर्शियल सिलेंडरों में भरकर गैस को होटल, ढाबों और अन्य व्यवसायिक जगहों पर सप्लाई किया जाता था, जबकि घरेलू सिलेंडर भी बाजार में ऊंचे दाम पर बेचे जाते थे।

इस तरह गैस की कालाबाजारी कर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा था। गैस रिफिलिंग के लिए इस्तेमाल किए गए उपकरण और मशीनें भी बेहद खतरनाक थीं, जिनसे कभी भी धमाका हो सकता था।

प्रशासन सख्त, पूरे नेटवर्क की जांच शुरू

छापेमारी के बाद अब प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। पुलिस और जिला आपूर्ति विभाग ने पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस खेल में स्थानीय स्तर पर कौन-कौन लोग शामिल हैं और क्या बड़ी सप्लाई चेन भी इससे जुड़ी हुई है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह गैस रैकेट लंबे समय से सक्रिय था और इसमें कई स्तरों पर लोगों की संलिप्तता हो सकती है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

स्थानीय लोगों ने जताई राहत

इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। लोगों का कहना है कि बंद पड़ी फैक्ट्री में लंबे समय से संदिग्ध गतिविधियां हो रही थीं, लेकिन कोई खुलकर आवाज नहीं उठा रहा था। अब पुलिस की कार्रवाई से एक बड़ा खतरा टल गया है।

स्थानीय निवासी कहते हैं कि गैस प्लांट और घनी बस्ती के बीच चल रहा यह धंधा किसी भी समय बड़ा विस्फोट कर सकता था। पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर बड़ा नुकसान होने से बचा लिया है।

हरिद्वार पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कालाबाजारी और अवैध धंधों के खिलाफ सख्ती बेहद जरूरी है। गैस जैसी ज्वलनशील वस्तु की अवैध रिफिलिंग न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह लाखों लोगों की जान के लिए भी बड़ा खतरा है।

अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि पूरे नेटवर्क को उजागर कर इस खेल में शामिल सभी लोगों को बेनकाब किया जाए। साथ ही इस तरह के रैकेट दोबारा खड़े न हो सकें, इसके लिए भी पुख्ता इंतजाम किए जाए

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