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ऊर्जा संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम,, UREDA और BEE के संयुक्त तत्वावधान में प्रशिक्षण कार्यक्रम,, ECBC 2014 और रेट्रोफिटिंग तकनीकों पर विशेषज्ञों ने दिए व्यावहारिक सुझाव

इन्तजार रजा हरिद्वार- ऊर्जा संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम,,
UREDA और BEE के संयुक्त तत्वावधान में प्रशिक्षण कार्यक्रम,,
ECBC 2014 और रेट्रोफिटिंग तकनीकों पर विशेषज्ञों ने दिए व्यावहारिक सुझाव


देहरादून, 6 अगस्त 2025: उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (UREDA) द्वारा, ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE), भारत सरकार के सहयोग से एक दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन देहरादून के वाईकेएम होटल एंड रिसॉर्ट्स, सिवला कलां, माजरा में किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य “एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड (ECBC) 2014” और मौजूदा भवनों में ऊर्जा दक्षता व संरचनात्मक मजबूती हेतु रेट्रोफिटिंग तकनीकों पर विस्तार से जानकारी देना रहा।

कार्यक्रम में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी, भवन निर्माण से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञ, आर्किटेक्ट्स, इंजीनियर्स, और नीति निर्धारक उपस्थित रहे। विशेषज्ञों ने ऊर्जा की बचत, पर्यावरण संरक्षण और भवनों को भूकंप एवं जलवायु जोखिमों से सुरक्षित बनाने की तकनीकों पर आधारित व्यावहारिक जानकारी साझा की।

ECBC 2014: भवन निर्माण में ऊर्जा कुशल क्रांति

कार्यक्रम के पहले सत्र में ECBC 2014 (Energy Conservation Building Code) की विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि यह कोड भवनों के डिज़ाइन और निर्माण में ऊर्जा दक्षता लाने के लिए विशेष मानक निर्धारित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य ऊर्जा की खपत को कम करना, ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाना और एक स्थायी एवं पर्यावरण-अनुकूल निर्माण संस्कृति को बढ़ावा देना है।

ECBC 2014 के प्रमुख बिंदु:

  • भवन लिफाफे (दीवार, दरवाजे, खिड़कियां) के लिए ऊष्मा इन्सुलेशन मानक
  • प्रकाश व्यवस्था में एलईडी व स्मार्ट लाइटिंग प्रणाली को प्रोत्साहन
  • HVAC सिस्टम को ऊर्जा दक्ष विकल्पों से बदलना
  • निर्माण सामग्री के चयन में थर्मल और सोलर परफॉर्मेंस का ध्यान रखना

विशेषज्ञों ने बताया कि ECBC अनुपालन से भवनों में औसतन 30-40% ऊर्जा की बचत संभव है, जिससे उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ भी होता है।


मौजूदा भवनों के लिए रेट्रोफिटिंग तकनीक: मजबूती और दक्षता दोनों

दूसरे सत्र में रेट्रोफिटिंग (Retrofitting) तकनीकों पर केंद्रित प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें बताया गया कि कैसे मौजूदा भवनों को मजबूत और ऊर्जा-कुशल बनाया जा सकता है। यह विशेष रूप से उन सरकारी व निजी भवनों के लिए लाभकारी है जिन्हें न तो तोड़ा जा सकता है और न ही पुनर्निर्माण के लिए खाली किया जा सकता है।

मुख्य तकनीकी श्रेणियां:

  1. संरचनात्मक रेट्रोफिटिंग:
    • नई शियर दीवारें जोड़ना
    • स्टील ब्रेसिंग के माध्यम से मजबूती
    • कॉलम और बीम को मजबूत करना
    • बेस आइसोलेशन तकनीक
  2. ऊर्जा दक्षता रेट्रोफिटिंग:
    • एचवीएसी सिस्टम अपग्रेड
    • इन्सुलेशन में सुधार
    • ऊर्जा-कुशल खिड़कियां व लाइटिंग
    • उन्नत प्रकाश नियंत्रण प्रणाली
  3. भूकंप प्रतिरोधी तकनीक:
    • भूकंप अवशोषक डिवाइस
    • बाहरी प्लेट बंधन
    • एफआरपी व्रैपिंग
    • इपॉक्सी इंजेक्शन विधि

विशेषज्ञ वक्ताओं ने उदाहरण के रूप में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पुराने सरकारी भवनों में की जा रही रेट्रोफिटिंग परियोजनाओं को प्रस्तुत किया। यह बताया गया कि भूकंपीय जोन-5 में स्थित होने के कारण उत्तराखंड के लिए यह तकनीकें अत्यंत आवश्यक हैं।


प्रतिभागियों की सहभागिता और भविष्य की रूपरेखा

कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों ने ECBC और रेट्रोफिटिंग तकनीकों को अपने-अपने विभागों में लागू करने के लिए रुचि दिखाई। तकनीकी सत्रों के अंत में प्रश्नोत्तर का आयोजन भी हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने जमीनी समस्याओं, भवन मंजूरी प्रक्रिया में ECBC के एकीकरण, बजट प्रतिबंधों और प्रशिक्षण की निरंतरता जैसे मुद्दों पर सवाल उठाए।

UREDA के वरिष्ठ अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में जिला स्तर पर भी ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे स्थानीय निकायों, नगरपालिका इंजीनियरों, ठेकेदारों और प्लानरों को कोड के अनुपालन में सक्षम बनाया जा सके।

उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (UREDA) द्वारा दिनांक 06 एवं 07 अगस्त 2025 को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “ECSBC Compliance Rules and Simulation for Code Compliance” विषय पर आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम देहरादून के वाईकेएम होटल एंड रिसॉर्ट, छमन विहार, सिवला कलाँ, माजरा में संचालित हो रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में भवन निर्माण से संबंधित विभागों के अधिकारियों को ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (ECSBC) के अनुपालन एवं ऊर्जा दक्षता की तकनीकी जानकारी देना है। प्रशिक्षण में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों एवं एजेंसियों जैसे BRIDCUL, SIIDCUL, CPWD, PWD, RWD, PCB, नगर निगम, MDDA, नगर विकास विभाग (UDD), UHUDA, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (TNCP), जल संस्थान आदि से अधिकारी भाग ले रहे हैं। यह पहल राज्य में ऊर्जा संरक्षण और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है

कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और भविष्य की कार्ययोजना की घोषणा के साथ हुआ। UREDA ने बताया कि वह राज्य में ECBC अनुपालन को अनिवार्य बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। कार्यक्रम में BEE की तकनीकी टीम का मार्गदर्शन और राज्य सरकार की भागीदारी इसे बेहद उपयोगी और प्रभावी बनाने में सहायक रही।

कार्यक्रम का आयोजन:
उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (UREDA)
सहयोग:
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE), भारत सरकार


संवाददाता: डेली लाइव उत्तराखंड

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