डिजिटल खतरे के विरुद्ध डॉक्टरों को किया सतर्क,, एम्स ऋषिकेश में एसपी जितेंद्र मेहरा(IPS) की साइबर पाठशाला,, 200 ट्रेनी डॉक्टरों ने जाना OTP से लेकर डिजिटल अरेस्ट तक का साइबर जाल

इन्तजार रजा हरिद्वार- डिजिटल खतरे के विरुद्ध डॉक्टरों को किया सतर्क,,
एम्स ऋषिकेश में एसपी जितेंद्र मेहरा(IPS) की साइबर पाठशाला,,
200 ट्रेनी डॉक्टरों ने जाना OTP से लेकर डिजिटल अरेस्ट तक का साइबर जाल
✍🏻 इन्तज़ार रज़ा, हरिद्वार | Daily Live Uttarakhand
ऋषिकेश, 25 जून 2025 —
तेजी से डिजिटलीकरण की ओर बढ़ते भारत में जहां तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं साइबर अपराधों का ग्राफ भी डरावनी गति से ऊपर जा रहा है। इसी गंभीरता को समझते हुए आज पुलिस अधीक्षक अपराध/यातायात जितेंद्र मेहरा (IPS) ने एम्स ऋषिकेश में एक विशेष साइबर अवेयरनेस पाठशाला का आयोजन किया, जिसमें करीब 200 ट्रेनी डॉक्टरों ने भाग लिया।
साइबर शिक्षा जरूरी, खासकर भविष्य के चिकित्सकों के लिए
कार्यक्रम की शुरुआत पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मेहरा ने साइबर अपराधों की मौजूदा स्थिति और इसके सामाजिक प्रभाव पर चर्चा से की। उन्होंने बताया कि “आज साइबर अपराध केवल तकनीकी नहीं, बल्कि भावनात्मक और मानसिक नुकसान का भी कारण बन रहे हैं। ऐसे में खासकर फ्रंटलाइन प्रोफेशनल्स यानी डॉक्टरों, वकीलों और शिक्षकों को सजग और अपडेट रहना जरूरी है।”
एम्स जैसे उच्च संस्थान में साइबर पाठशाला आयोजित करना अपने आप में एक अनूठा प्रयास है, क्योंकि मेडिकल प्रोफेशनals आमतौर पर साइबर तकनीक से थोड़े दूर रहते हैं, और इसी का फायदा साइबर अपराधी उठा लेते हैं।
डिजिटल अरेस्ट से लेकर फेक केवाईसी तक—हर जाल पर चर्चा
इस जागरूकता कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट, केवाईसी अपडेट फ्रॉड, OTP धोखाधड़ी, व्हाट्सएप हैकिंग, क्रिप्टो फ्रॉड, और फ़िशिंग ईमेल्स जैसे साइबर अपराधों के उदाहरणों पर खुलकर चर्चा की गई। ट्रेनी डॉक्टरों को बताया गया कि कैसे छोटी सी लापरवाही — जैसे किसी अनजान लिंक पर क्लिक करना, OTP साझा करना या फर्जी बैंक कॉल उठाना — किसी के पूरे जीवन की बचत को मिनटों में खत्म कर सकती है।
पुलिस अधीक्षक ने एक केस स्टडी साझा करते हुए कहा, “हाल ही में हरिद्वार जिले में एक वरिष्ठ चिकित्सक के साथ हुआ OTP फ्रॉड, जिसमें ₹1.5 लाख की ठगी हुई, इस बात का सबूत है कि प्रोफेशन से कोई फर्क नहीं पड़ता, जागरूकता ही एकमात्र सुरक्षा है।”
1930 — एक कॉल जो बचा सकता है लाखों
पाठशाला में एसपी मेहरा ने सभी प्रतिभागियों को साइबर ठगी की स्थिति में क्या करें और क्या न करें की सूची भी साझा की। सबसे अहम बात उन्होंने यह बताई कि “ठगी के तुरंत बाद अगर 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया जाए और संबंधित बैंक को सूचित किया जाए, तो कई बार रकम रुक भी जाती है।”
साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए www.cybercrime.gov.in पोर्टल का उपयोग कैसे करें, इसकी एक छोटी वर्कशॉप भी कार्यक्रम का हिस्सा रही।
इंटरैक्टिव सेशन और जिज्ञासा का समंदर
कार्यक्रम का सबसे जीवंत हिस्सा रहा—इंटरैक्टिव ओपन हाउस सेशन, जिसमें ट्रेनी डॉक्टरों ने अपनी शंकाएं खुलकर पूछीं। कैसे पता करें कि कोई लिंक फर्जी है? क्या VPN से पूरी सुरक्षा मिलती है? अगर व्हाट्सएप हैक हो जाए तो क्या करें?—जैसे सवालों पर अधिकारियों ने सरल और प्रभावी उत्तर दिए।
एसपी मेहरा ने स्पष्ट किया कि “साइबर जागरूकता केवल पढ़ाई से नहीं, रोजमर्रा की सावधानी से आती है। जितना अलर्ट रहेंगे, उतना ही सुरक्षित रहेंगे।”
डॉक्टरों की प्रतिक्रिया: यह जागरूकता बेहद आवश्यक थी
ट्रेनी डॉक्टर डॉ. स्मृति चौधरी ने कहा, “हम सर्जरी और मेडिसिन में जितने प्रोफेशनल हैं, उतने साइबर मामलों में अनभिज्ञ भी हैं। आज जो सीखा, वह निजी जीवन और प्रोफेशन दोनों के लिए जरूरी है।”
वहीं डॉ. आशुतोष मिश्रा ने कहा, “अभी तक OTP को लेकर इतना गंभीर कभी नहीं सोचा था, लेकिन आज समझ में आया कि यह 6 अंकों का कोड कितना खतरनाक हो सकता है।”
प्रबंधन और पुलिस का संयुक्त प्रयास
कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए एम्स ऋषिकेश प्रशासन ने भी पुलिस का आभार जताया। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह की जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित करने की इच्छा जताई। पुलिस अधीक्षक ने कहा, “हमारी कोशिश है कि हर वर्ग तक साइबर सुरक्षा की जानकारी पहुंचे, ताकि अपराध से पहले बचाव संभव हो सके।”
तकनीक जितनी तेज़, उतनी ही सतर्कता जरूरी
यह साइबर पाठशाला केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संदेश था—कि जागरूकता ही सबसे बड़ी साइबर सुरक्षा है। एसपी जितेंद्र मेहरा और एम्स ऋषिकेश का यह संयुक्त प्रयास न केवल अनुकरणीय है, बल्कि यह दर्शाता है कि सुरक्षा अब केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की प्राथमिकता होनी चाहिए।
यदि आप भी साइबर अपराध का शिकार हो जाएं तो घबराएं नहीं, तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
डिजिटल दुनिया में सतर्क रहें — सुरक्षित रहें।