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भीषण गर्मी, भीड़ और ड्यूटी — हरिद्वार पुलिस का धैर्य और सेवा अनुकरणीय, चारधाम यात्रियों और पर्यटकों की दोहरी चुनौती से दिन-रात जूझ रहे हैं जवान, एसएसपी डोबाल बोले – ‘आपका समर्पण हमारी व्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत’

इन्तजार रजा हरिद्वार- भीषण गर्मी, भीड़ और ड्यूटी — हरिद्वार पुलिस का धैर्य और सेवा अनुकरणीय,

चारधाम यात्रियों और पर्यटकों की दोहरी चुनौती से दिन-रात जूझ रहे हैं जवान,

एसएसपी डोबाल बोले – ‘आपका समर्पण हमारी व्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत’

हरिद्वार, 09 जून 2025
उत्तराखंड का हरिद्वार इन दिनों एक बार फिर भीड़ और आस्था के मेल का प्रतीक बन चुका है। एक तरफ चारधाम यात्रा का उत्साह, दूसरी तरफ स्कूली छुट्टियों के कारण उत्तर भारत के तमाम राज्यों से उमड़ी पर्यटकों की भारी भीड़ ने हरिद्वार की सड़कों, धार्मिक स्थलों और लिंक मार्गों को चाक-चौबंद बना दिया है।

इस अव्यवस्थित भीड़ के बीच अगर कोई व्यवस्था को संभाले हुए है, तो वह है — हरिद्वार पुलिस। सीमित संसाधनों, तेज़ गर्मी और लंबी ड्यूटी शिफ्ट के बावजूद पुलिसकर्मी चौबीसों घंटे सेवा में जुटे हैं।

इसी स्थिति को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने रविवार को जवानों से सीधे संवाद कर न सिर्फ उनकी मेहनत को सराहा, बल्कि उन्हें भरोसा दिलाया कि विभाग उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ा है।

“आप सभी जिस लगन से यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं, वह सराहनीय है। विभाग आपकी मेहनत को पहचानता है और हर स्तर पर पूरा सम्मान व सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
– प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक


गर्मी की तपिश से जूझती पुलिस: व्यवस्था बनाए रखने की जिद्द

हरिद्वार में इस समय औसत तापमान 40 डिग्री के पार जा चुका है। सड़कें तप रही हैं, गंगा घाटों पर भीड़ है, और ट्रैफिक व्यवस्था हर पल चुनौती से घिरी है। ऐसे में पुलिस की भूमिका केवल एक कानूनी व्यवस्था तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक धैर्य और सेवा की मिसाल बन चुकी है।

राष्ट्रीय राजमार्ग-58, लक्सर रोड, हर की पौड़ी, चंडी घाट, भीमगोड़ा, माया देवी, मनसा देवी, गौरीशंकर लिंक रोड सहित अन्य व्यस्त मार्गों पर जवान यातायात को नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं। दिन-रात ड्यूटी कर रहे जवान न केवल वाहनों को दिशा दे रहे हैं, बल्कि श्रद्धालुओं को सुरक्षा का भरोसा भी दे रहे हैं।

पुलिस की इस सेवा भावना की गवाही खुद श्रद्धालु और स्थानीय लोग दे रहे हैं। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा,

“अगर ये जवान न होते, तो यहां कुछ भी संभालना मुश्किल हो जाता। जिस धैर्य से ये लोग काम कर रहे हैं, वो प्रशंसनीय है।”


दोहरी चुनौती: यात्री भी और पर्यटक भी

इस वर्ष की यात्रा सीजन हरिद्वार पुलिस के लिए सबसे कठिन माने जा रहे हैं।

  • पहली चुनौती है – चारधाम यात्रा। देशभर से तीर्थयात्री ऋषिकेश होते हुए हरिद्वार पहुंच रहे हैं, जिससे स्टेशन, बस अड्डा और नेशनल हाईवे पर भारी दबाव बना हुआ है।
  • दूसरी चुनौती है – गर्मी की छुट्टियों में आए हजारों पर्यटक, जो हरिद्वार में धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों का आनंद लेने आ रहे हैं।

इन दो वर्गों की भीड़ का प्रबंधन करना, अलग-अलग जरूरतों को समझना और संतुलन बनाए रखना पुलिस के लिए अत्यंत कठिन कार्य है। इसके बावजूद हरिद्वार पुलिस ने अभी तक कहीं भी अव्यवस्था नहीं पनपने दी।

यात्रियों को लाइन में लगाना, बस और ऑटो के किराए पर निगरानी रखना, जेबकतरे और ठगों पर नियंत्रण बनाए रखना – हर मोर्चे पर पुलिस मुस्तैद है।


एसएसपी डोबाल का संवेदनशील निरीक्षण: जवानों को मिला हौसला

हरिद्वार पुलिस के मनोबल को और ऊंचा करने के लिए एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने रविवार को विभिन्न बिंदुओं पर तैनात पुलिसकर्मियों से सीधे संवाद किया। उन्होंने न सिर्फ फील्ड पर जाकर हालात का जायजा लिया, बल्कि जवानों से उनकी व्यक्तिगत समस्याएं भी जानीं।

इस दौरान उनके साथ सीओ सिटी शिशुपाल सिंह नेगी, शहर कोतवाल रितेश शाह, इंस्पेक्टर कनखल चंद्र मोहन सिंह, और सीपीयू प्रभारी निरीक्षक हितेश कुमार जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। अधिकारियों की मौजूदगी और फील्ड विजिट यह संकेत दे रही थी कि प्रशासन सिर्फ निर्देश नहीं देता, वह ज़मीन पर साथ भी खड़ा है।

एसएसपी डोबाल ने जवानों से कहा:

“आप लोग जो कर रहे हैं, वह केवल ड्यूटी नहीं, बल्कि सेवा है। आपकी मेहनत से ही हरिद्वार की प्रतिष्ठा बनी हुई है।”


प्रशासन का ज़मीनी स्तर पर नियंत्रण

एसएसपी का यह दौरा केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि यह एक प्रभावशाली उदाहरण था कि कैसे एक आला अधिकारी यदि खुद फील्ड में उतरता है, तो उससे पूरी व्यवस्था में ऊर्जा का संचार होता है।

हरिद्वार पुलिस ने बीते कुछ दिनों में

  • ड्रिंक एंड ड्राइव पर कार्यवाही,
  • शांतिभंग मामलों में फौरी कार्रवाई,
  • जेबकतरे गिरोहों पर शिकंजा,
  • महिला सुरक्षा के विशेष प्रकोष्ठ की निगरानी,
  • और सीसीटीवी कंट्रोल रूम की एक्टिव निगरानी
    जैसी कई सराहनीय पहल की हैं, जिससे जनता का भरोसा बना हुआ है।

निष्कर्ष: समर्पण और सेवा का जीवंत उदाहरण

हरिद्वार में इन दिनों जो कुछ भी देखने को मिल रहा है, वह केवल भीड़ का समुंदर नहीं, बल्कि अनुशासन और सेवा का संगम भी है। हरिद्वार पुलिस, विशेषकर फील्ड पर तैनात जवानों ने यह सिद्ध कर दिया है कि सीमित संसाधनों के बीच भी अगर टीम भावना, नेतृत्व और समर्पण हो, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल का यह दौरा केवल प्रशंसा नहीं था, बल्कि यह एक संदेश था —
“व्यवस्था तभी टिकती है, जब नेतृत्व जमीन पर उतर कर साथ खड़ा होता है।”


रिपोर्ट: इंतज़ार रज़ा, ‘Daily Live Uttarakhand’

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