हरिद्वार में योगोत्सव का महासंगम: 42 स्कूलों के नन्हें योग साधकों ने दिखाया अद्भुत जौहर गांव-गांव में गूंजा योग का स्वर, चित्रकला व योग प्रतियोगिता में बच्चों ने बिखेरा हुनर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी को नई उड़ान, प्रतिभागियों का होगा जिला स्तर पर चयन

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में योगोत्सव का महासंगम: 42 स्कूलों के नन्हें योग साधकों ने दिखाया अद्भुत जौहर
गांव-गांव में गूंजा योग का स्वर, चित्रकला व योग प्रतियोगिता में बच्चों ने बिखेरा हुनर
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी को नई उड़ान, प्रतिभागियों का होगा जिला स्तर पर चयन
हरिद्वार, 12 मई 2025।
हरिद्वार जनपद ने योग और कला के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मिसाल पेश करते हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की तैयारियों के अंतर्गत 42 विद्यालयों में भव्य योग और चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। बहादराबाद, भगवानपुर, लक्सर, खानपुर, नारसन और रुड़की सहित जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से आए बच्चों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर न सिर्फ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बल्कि योग के प्रचार-प्रसार को गांव-गांव तक पहुँचाने का कार्य भी किया।
यह आयोजन राष्ट्रीय आयुष मिशन और जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ, जिसमें हजारों विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह, ऊर्जा और अनुशासन के साथ भाग लिया। नन्हें प्रतिभागियों ने योगासन, प्राणायाम और रचनात्मक चित्रकला के माध्यम से यह संदेश दिया कि अब ग्रामीण भारत भी स्वास्थ्य और संतुलन के इस प्राचीन विज्ञान को अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
नन्हें प्रतिभागियों का कमाल, गांवों में जगी योग की चेतना
प्रतियोगिता में कई विद्यार्थियों ने अपनी अभूतपूर्व प्रतिभा से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। बहादराबाद के राष्ट्रीय कन्या जूनियर हाई स्कूल की छात्रा रजनंदिनी ने प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन किया। उनकी लय, संतुलन और प्रस्तुति ने निर्णायकों का दिल जीत लिया। इसी प्रकार भगवानपुर क्षेत्र से उजैफा, शिवानी और अजीम ने अपने योग कौशल से प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि कशिश शर्मा और ताजरियां ने द्वितीय स्थान पाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
लक्सर के विशाल और खानपुर के दीपक जैसे प्रतिभाशाली छात्रों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चों ने योग, प्रकृति, स्वास्थ्य और संतुलन जैसे विषयों को अपनी कल्पनाशीलता से रंगों में ढाला, जो यह दर्शाता है कि नई पीढ़ी स्वास्थ्य के प्रति न केवल जागरूक हो रही है, बल्कि उसकी गहरी समझ भी विकसित कर रही है।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने बढ़ाया उत्साह, मिला सामाजिक समर्थन
कार्यक्रम के दौरान विद्यालयों के प्रधानाचार्य, ग्राम प्रधान, स्थानीय जनप्रतिनिधि और अभिभावकों की उपस्थिति ने बच्चों का उत्साह दोगुना कर दिया। श्रीमती कविता रावत ने कहा, “ग्राम्य अंचलों में इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ बच्चों को आत्मविश्वास देती हैं और उनके भीतर योग के प्रति लगाव उत्पन्न करती हैं। रजनंदिनी की जीत पूरे गांव के लिए गौरव की बात है।”
श्री नरेश पाल ने कहा, “पहले योग केवल शहरों तक सीमित था, लेकिन अब गांव-गांव में इसकी ध्वनि सुनाई देने लगी है। ये आयोजन ग्रामीण भारत के बदलते स्वरूप