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मुखिया विहीन हुई पंचायतें,पंचायती राज एक्ट में संशोधन के अध्यादेश को नहीं मिली मंजूरी,राजभवन ने बिना मंजूरी वापस लौटाया अध्यादेश।

मुखिया विहीन हुई पंचायतें,पंचायती राज एक्ट में संशोधन के अध्यादेश को नहीं मिली मंजूरी,राजभवन ने बिना मंजूरी वापस लौटाया अध्यादेश।

पंचायती राज एक्ट में संशोधन के अध्यादेश को नहीं मिली मंजूरी,राजभवन ने बिना मंजूरी वापस लौटाया अध्यादेश,प्रदेश की 10760 त्रिस्तरीय पंचायतें हुईं खाली,पंचायतों में पैदा हुआ संवैधानिक संकट,प्रशासकों का कार्यकाल खत्म होने के बाद पुनर्नियुक्ति का पंचायती राज विभाग ने आनन-फानन में तैयार किया था प्रस्ताव,विधायी विभाग की आपत्ति के बावजूद अध्यादेश को भेजा गया था राजभवन।

पंचायती राज विभाग द्वारा भेजे गए संशोधन अध्यादेश को राजभवन ने तकनीकी खामी का हवाला देते हुए वापस लौटा दिया है. इस अध्यादेश में त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल एक वर्ष करने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन विधायी विभाग ने इस पर गंभीर आपत्तियां दर्ज की है।

पंचायती राज संशोधन अध्यादेश को राजभवन ने लौटाया⤵️

बता दें पुराने प्रशासकों का कार्यकाल 27 मई को खत्म हो गया था. जिसके बाद से सभी पंचायतें लावारिस हैं. पंचायतों में कहीं भी प्रशासक नियुक्त नहीं हैं. इसके बावजूद पंचायती राज विभाग ने सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के बावजूद पहले जैसा प्रस्ताव भेज दिया है. जिसे राजभवन ने वापस लौटा दिया है।

अधिकारियों की लापरवाही बनी वजह⤵️

विधायी विभाग ने अध्यादेश में तकनीकी त्रुटि का होना बताया है. इस खामी के चलते राजभवन ने अध्यादेश को पुनर्विचार के लिए राज्य सरकार को लौटा दिया. इस पूरे प्रकरण ने पंचायती राज विभाग के कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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