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सीएम धामी का बड़ा एक्शन: बागेश्वर जिला चिकित्सालय में लापरवाही पर गाज,, प्रभारी सीएमएस पदमुक्त, 108 के दो वाहन चालक एक माह तक कार्य विरत्त,, कई डॉक्टरों को चेतावनी स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही पर सरकार की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति हुई सख़्त

इन्तजार रजा हरिद्वार- सीएम धामी का बड़ा एक्शन: बागेश्वर जिला चिकित्सालय में लापरवाही पर गाज,,
प्रभारी सीएमएस पदमुक्त, 108 के दो वाहन चालक एक माह तक कार्य विरत्त,, कई डॉक्टरों को चेतावनी
स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही पर सरकार की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति हुई सख़्त

बागेश्वर जिला चिकित्सालय में एक बच्चे की मौत के बाद सामने आई गंभीर लापरवाही ने पूरे स्वास्थ्य विभाग को हिला कर रख दिया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दोषी चिकित्सकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की गई है। जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट और कारण बताओ नोटिसों के उत्तरों पर विचार करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कड़े निर्णय लिए हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग ने फौरन कदम उठाए हैं। उन्होंने साफ कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी अधिकारी-कर्मचारी संवेदनशीलता के साथ जिम्मेदारी निभाएं, अन्यथा कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

घटना के बाद सबसे बड़ी कार्रवाई प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. तपन शर्मा पर हुई है। उन पर एम्बुलेंस व्यवस्था सुनिश्चित न करने, प्रशासनिक अक्षमता और असंवेदनशीलता के आरोप सिद्ध पाए गए। उन्हें तत्काल प्रभाव से पद और दायित्वों से अवमुक्त कर निदेशक कुमाऊं मंडल के साथ संबद्ध कर दिया गया है।

इसी तरह 108 एम्बुलेंस सेवा के दो वाहन चालक ईश्वर सिंह टोलिया और लक्ष्मण कुमार पर कर्तव्यों के प्रति उदासीनता एवं असंवेदनशीलता का आरोप है। उन्हें एक माह के लिए कार्य से विरक्त कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

महेश कुमार (नर्सिंग अधिकारी), श्रीमती हिमानी (नर्सिंग अधिकारी) और सूरज सिंह कन्नाल (कक्ष सेवक) पर भी अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीनता व असंवेदनशीलता के आरोप हैं। उन्हें कठोर चेतावनी जारी कर भविष्य में पुनरावृत्ति न होने के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ. भूरेन्द्र घटियाल, चिकित्साधिकारी, को भी कर्तव्यों के प्रति उदासीनता एवं संवेदनशीलता की कमी के आरोप में कठोर चेतावनी दी गई है। वहीं, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित कुमार पर संघर्षरत बालक के प्रति सहानुभूति न दिखाने और उदासीनता का आरोप है। उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

मुख्यमंत्री श्री धामी की इस कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। संवेदनशील सेवाओं में काम कर रहे हर कर्मचारी को अपनी जिम्मेदारी पूर्ण ईमानदारी व तत्परता से निभानी होगी, अन्यथा कठोर दंड के लिए तैयार रहना पड़ेगा। यह कदम न केवल विभागीय अनुशासन को मजबूत करेगा बल्कि जनता के बीच सरकार की छवि को भी संवेदनशील और जिम्मेदार के रूप में स्थापित करेगा।

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