गढ़वाल मंडल में बड़े पैमाने पर पुलिस कर्मियों के तबादले की तैयारी, लंबे समय से मैदानी जिलों में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर, दारोगा, कांस्टेबल के साथ हेडकांस्टेबल को भी पहाड़ी इलाकों की लेनी होगी हवा, आ गया सख्त आदेश,इसको लेकर रेंज स्तर पर प्रक्रिया लगभग पूरी
उत्तराखंड पुलिस में इंस्पेक्टर्स को 4 साल, दरोगाओं को 6 साल और कांस्टेबलों को 8 साल पहाड़ी क्षेत्रों में सेवा देना अनिवार्य, गढ़वाल रेंज की सख्ती के बाद अब पहाड़ में देनी होगी सेवाएं.

इन्तजार रजा हरिद्वार-गढ़वाल मंडल में बड़े पैमाने पर पुलिस कर्मियों के तबादले की तैयारी, लंबे समय से मैदानी जिलों में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर, दारोगा, कांस्टेबल के साथ हेडकांस्टेबल को भी पहाड़ी इलाकों की लेनी होगी हवा, आ गया सख्त आदेश,इसको लेकर रेंज स्तर पर प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है.
- उत्तराखंड पुलिसकर्मियों का पहाड़ी इलाकों में तबादला होगा।
- मैदानी इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों को पहाड़ों पर ड्यूटी करनी होगी।
- सिफारिश के बिना ही अब ट्रांसफर होंगे।
- अब उत्तराखंड में मैदानी क्षेत्रों में आरामदायक ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों की नींदें उड़ने वाली हैं। इन कर्मचारियों को जल्द ही पहाड़ चढ़ना होगा।
- पहाड़ों पर ड्यूटी के नाम से कतराने वाले और मैदान में ही जमे हुए पुलिसकर्मियों को जल्दी पहाड़ों पर ड्यूटी करनी पड़ेगी।
- मैदानी जिलों में ड्यूटी पर तैनात पुलिस इंस्पेक्टर, दारोगा, कांस्टेबल के साथ हेडकांस्टेबल को भी पहाड़ी इलाकों की हवा लेनी होगी।
- लंबे समय से मैदानी इलाकों में जमे महकमे के इन लोगों को पहाड़ी इलाकों के थानों में तैनाती दी जाएगी, इसको लेकर रेंज स्तर पर प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है।
अब उत्तराखंड में मैदानी क्षेत्रों में आरामदायक ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों की नींदें उड़ने वाली हैं. इन कर्मचारियों को जल्द ही पहाड़ चढ़ने पड़ेंगे. पहाड़ों पर ड्यूटी के नाम से कतराने वाले और मैदान में ही जमे हुए पुलिसकर्मियों को जल्दी पहाड़ों पर ड्यूटी करनी पड़ेगी. मैदानी जिलों में ड्यूटी पर तैनात पुलिस इंस्पेक्टर, दारोगा, कांस्टेबल के साथ हेडकांस्टेबल को भी पहाड़ी इलाकों की हवा लेनी होगी. लंबे समय से मैदानी इलाकों में जमे महकमे के इन लोगों को पहाड़ी इलाकों के थानों में तैनाती दी जाएगी. इसको लेकर रेंज स्तर पर प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है.
यह है मामला
दरअसल, पुलिस विभाग में दारोगा, इंस्पेक्टर से लेकर कांस्टेबल तक सोर्स- सिफारिश के चलते केवल मैदानी इलाकों में ही तैनात बने रहते हैं. सिफारिश के कारण पुलिस विभाग में रोटेशन के तहत कभी भी ट्रांसफर नहीं हुए. आलम ये है कि कहीं पुलिस के जवान मैदानी इलाकों में ही अपनी पूरी उम्र की पूरी डयूटी निभा देते हैं. पहाड़ों पर जाने के नाम पर इन लोगों ने एक भी दिन की डयूटी नहीं की. इसी को लेकर उत्तराखंड पुलिस ट्रांसफर पॉलसी के तहत अब पुलिस विभाग में ट्रांसफर होने जा रहे हैं.
किसे कितनी सेवा देनी है
आपको बता दें कि उत्तराखंड पुलिस में इंस्पेक्टर्स को 4 साल, दरोगाओं को 6 साल और कांस्टेबलों को 8 साल पहाड़ी क्षेत्रों में सेवा देना अनिवार्य है. मगर, अब तक कई पुलिसकर्मी ऊपर के अधिकारियों की सिफारिशों और बहानों के चलते केवल मैदानी इलाकों में ही तैनात रहे हैं. हालांकि, गढ़वाल रेंज की सख्ती के बाद इन्हें पहाड़ में सेवा देनी ही होगी.