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फर्जी खाद्य सुरक्षा अधिकारी बनकर डेयरी पर मारा छापा, बीस हजार की अवैध उगाही की कोशिश, संचालक की सूझबूझ से तीन फर्जी खाद्य सुरक्षा अधिकारी गिरफ्तार  हरबर्टपुर में नकली छापेमारी गिरोह सक्रिय, दो दिनों से कर रहे थे वसूली,खाद्य अधिकारी की पुष्टि के बाद हुआ खुलासा,दो दिनों से चला रहे थे अवैध वसूली का खेल

इन्तजार रजा हरिद्वार- फर्जी खाद्य सुरक्षा अधिकारी बनकर डेयरी पर मारा छापा,

बीस हजार की अवैध उगाही की कोशिश, संचालक की सूझबूझ से तीन फर्जी खाद्य सुरक्षा अधिकारी गिरफ्तार 

हरबर्टपुर में नकली छापेमारी गिरोह सक्रिय, दो दिनों से कर रहे थे वसूली,खाद्य अधिकारी की पुष्टि के बाद हुआ खुलासा,दो दिनों से चला रहे थे अवैध वसूली का खेल

 

विकासनगर (हरबर्टपुर): विकासनगर क्षेत्र के हरबर्टपुर कस्बे में फर्जी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की एक टीम द्वारा अवैध छापेमारी और उगाही का सनसनीखेज मामला सामने आया है। खुद को सरकारी अधिकारी बताकर तीन युवक एक दूध डेयरी पर पहुंचे और ‘जांच’ के नाम पर बीस हजार रुपये की मांग करने लगे। डेयरी संचालक मनोज कुमार को शक हुआ और उन्होंने तुरंत असली खाद्य सुरक्षा विभाग से संपर्क किया। इसके बाद तीनों आरोपियों को रंगे हाथ पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया।

फर्जी टीम ने बनाया था छापेमारी का नाटक

घटना सोमवार की है जब सुबह तीन युवक मनोज कुमार की डेयरी पर पहुँचे। उन्होंने खुद को “फूड सेफ्टी ऑफिसर” बताकर दस्तावेज दिखाए और जांच का नाटक शुरू कर दिया। उनके साथ एक फर्जी महिला अधिकारी भी होने की बात कही जा रही है, जो कहीं आसपास मौजूद थी। आरोपियों ने दूध के नमूने लेने की प्रक्रिया की नकल करते हुए डेयरी में खामियां निकालनी शुरू कर दीं और फिर सीधा 20 हजार रुपये की मांग की।

डेयरी संचालक मनोज कुमार ने जब उनसे विभागीय पहचान पत्र मांगे और कुछ नियमों की जानकारी पूछी, तो उनकी बातों में झोल नजर आया। शक गहराने पर मनोज ने तत्काल जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष सियाणा को फोन कर घटना की जानकारी दी।

खाद्य अधिकारी की पुष्टि के बाद हुआ खुलासा

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष सियाणा ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत क्षेत्रीय अधिकारी संजय तिवारी से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “चारधाम यात्रा के चलते इन दिनों खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है। इसी दौरान यह सूचना मिली कि कुछ लोग नकली अधिकारी बनकर दुकानों से पैसे वसूल रहे हैं।”

संजय तिवारी ने स्थानीय पुलिस को मौके पर भेजा। पूछताछ में तीनों युवक अपनी बातों में उलझते नजर आए और सही जानकारी नहीं दे पाए। जब उनसे अधिक गहराई से पूछताछ की गई, तो वे टूट गए और स्वीकार किया कि वे सरकारी अधिकारी नहीं हैं।

दो दिनों से चला रहे थे अवैध वसूली का खेल

पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि यह गिरोह दो दिन पहले से हरबर्टपुर क्षेत्र में सक्रिय था और छोटे दुकानदारों, मिठाई वालों व डेयरी संचालकों को टारगेट बना रहा था। वे लोगों को डरा-धमका कर पैसे वसूलने की फिराक में थे।

स्थानीय दुकानदारों ने भी आरोपियों के खिलाफ विरोध जताते हुए तहरीर दी है। खाद्य विभाग के क्षेत्रीय निरीक्षक ने भी थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

आरोपी हिमाचल प्रदेश के निवासी

गिरफ्तार तीनों आरोपी हिमाचल प्रदेश के पोंटा साहिब क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पुलिस उनके आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं यह गिरोह अन्य राज्यों में भी तो सक्रिय नहीं है। उनके पास से फर्जी पहचान पत्र, दस्तावेज और सील बरामद की गई हैं, जिन्हें प्रयोग कर वे सरकारी अधिकारी का भ्रम पैदा करते थे।

पुलिस व खाद्य विभाग की सतर्कता से बचा बड़ा नुकसान

इस घटना से यह साफ हो गया कि खाद्य सुरक्षा जैसे संवेदनशील विभाग की पहचान का दुरुपयोग कर आम दुकानदारों से ठगी की जा रही थी। यदि समय रहते मनोज कुमार ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती और खाद्य अधिकारी को सूचना न दी होती, तो यह गिरोह और कई व्यापारियों को अपना शिकार बना सकता था।

शिकायतकर्ता मनोज कुमार का बयान:

“तीनों लोग बेहद विश्वास से बात कर रहे थे, लेकिन उनकी भाषा और तरीका शक पैदा कर रहा था। जब मैंने उनसे सख्ती से पूछा तो वे घबरा गए। तभी मैंने तुरंत असली अधिकारी को फोन कर लिया।”

 

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष सियाणा का बयान:

“हमने क्षेत्र में पहले से छापेमारी अभियान चला रखा है, लेकिन यह देखकर हैरानी हुई कि कुछ लोग हमारे विभाग का नाम लेकर ठगी कर रहे हैं। यह बेहद गंभीर मामला है, और विभाग ने इसकी विस्तृत जांच शुरू कर दी है।”

स्थानीय व्यापारियों में चिंता

इस घटना के बाद हरबर्टपुर क्षेत्र के अन्य व्यापारियों में भी चिंता का माहौल है। सभी व्यापारियों से अपील की गई है कि यदि कोई अधिकारी बिना वैध पहचान पत्र या विभागीय आदेश के आए, तो तत्काल पुलिस या संबंधित विभाग को सूचित करें।फर्जी अधिकारियों का यह गिरोह न केवल प्रशासन की छवि को धूमिल कर रहा था, बल्कि ईमानदार व्यापारियों को नुकसान पहुँचा रहा था। इस पूरे मामले में डेयरी संचालक की सूझबूझ और खाद्य विभाग की तत्परता ने बड़ी ठगी को समय रहते रोक दिया।

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