धनपुरा की बेटी पर दरिंदगी — इंसाफ की गूंज उठी,, एम्स ऋषिकेश में इलाज जारी, समाज एकजुट होकर दे रहा साथ,, बेटियों की सुरक्षा के लिए अब जागना होगा देश

इन्तजार रजा हरिद्वार- धनपुरा की बेटी पर दरिंदगी — इंसाफ की गूंज उठी,,
एम्स ऋषिकेश में इलाज जारी, समाज एकजुट होकर दे रहा साथ,,
बेटियों की सुरक्षा के लिए अब जागना होगा देश
धनपुरा गाँव में हाल ही में घटी एक भयावह घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। एक मासूम नाबालिग बेटी के साथ हुई अमानवीय दरिंदगी और फिर उसे जान से मारने की कोशिश ने न केवल एक परिवार बल्कि पूरे समाज के दिलों को झकझोर दिया है। यह घटना केवल एक गाँव की नहीं, बल्कि देश के हर उस घर की चिंता है जहां बेटियाँ हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद सलीम सोमवार को एम्स हॉस्पिटल, ऋषिकेश पहुंचे, जहां घायल बच्ची का इलाज चल रहा है। उन्होंने पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात की और उनका दुख बांटा। बच्ची के माता-पिता की आंखों में दर्द, बेबसी और चिंता साफ नजर आ रही थी, लेकिन उनके हौसले में इंसाफ की उम्मीद की चमक भी थी। सलीम ने उन्हें भरोसा दिलाया कि इस संघर्ष में वे अकेले नहीं हैं — हर इंसाफ पसंद नागरिक उनके साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा, “यह मामला किसी जाति, धर्म या राजनीति का नहीं है, यह हमारी बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और भविष्य का सवाल है। अपराधी चाहे कोई भी हो, सजा जरूर मिलनी चाहिए। हमारी खामोशी ही अपराधियों का सबसे बड़ा हथियार है।”
सलीम ने समाज से अपील की कि हम केवल इस घटना पर आक्रोश जताकर न रुकें, बल्कि बेटियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएँ। इसके लिए परिवार, स्कूल, समाज और प्रशासन — सभी को जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि न्याय की लड़ाई केवल अदालत में नहीं, उन्होंने हरिद्वार पुलिस प्रशासन का भी आभार जताया और एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के निर्देशन में त्तावरित कार्रवाई की सराहना की और पुलिस प्रशासन से अपील की है कि भविष्य में कोई भी बेटी ऐसी पीड़ा का शिकार न हो। इस पुरे प्रकरण में पुलिस प्रशासन की कार्यवाही सराहनीय है
धनपुरा की इस बेटी के लिए इंसाफ की मांग अब गाँव से निकलकर पूरे जनपद और प्रदेश तक पहुँच चुकी है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक आवाज उठ रही है — अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की।
अंत में मौ. सलीम ने सभी नागरिकों से आह्वान किया —
🙏 आइए, इस बेटी के लिए न्याय की आवाज़ बुलंद करें।
🙏 आइए, बेटियों के सम्मान और सुरक्षा के लिए मिलकर कदम बढ़ाएँ।
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ — यह हमारा कर्तव्य है, हमारी पहचान है।”